भारी कहौं तो बहुडरौं | Kabir Das Dohe | कबीर के अमृत वचन | Kabir Das Bhajan | Kabir Das Dohe
Автор: kabir Das Bhajan
Загружено: 2025-12-09
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भारी कहौं तो बहुडरौं Kabir Das Dohe कबीर के अमृत वचन
संत कबीर दास जी भारतीय संत परंपरा के महान कवि और विचारक थे। उनके दोहे और अमृत वचन जीवन की गहराई को छूते हैं और हमें आत्मनिरीक्षण करने की प्रेरणा देते हैं। इस वीडियो में प्रस्तुत है कबीर जी का प्रसिद्ध दोहा “भारी कहौं तो बहुडरौं”, जिसमें वे हमें बताते हैं कि सत्य और भक्ति का मार्ग सरल है, लेकिन यदि हम इसे कठिन मान लें तो यह और भी कठिन प्रतीत होता है।
🌿 दोहे का भावार्थ
कबीर जी कहते हैं कि जीवन में सत्य को अपनाना और ईश्वर का नाम लेना सरल है। परंतु मनुष्य जब इसे भारी समझता है, तो वह स्वयं ही कठिनाइयों में उलझ जाता है। जैसे कोई बोझ हल्का हो लेकिन हम उसे भारी मान लें, तो वह और भी कठिन लगता है। इसी प्रकार भक्ति और साधना सरल है, लेकिन अहंकार और मोह इसे कठिन बना देते हैं।
🙏 आध्यात्मिक शिक्षा
भक्ति और साधना सरल है, इसे जटिल न बनाइए
सत्य को अपनाना ही जीवन का सार है
अहंकार और मोह से दूर रहना आवश्यक है
कबीर जी का संदेश हमें सादगी और ईमानदारी अपनाने की प्रेरणा देता है
🌟 क्यों देखें यह वीडियो
यह वीडियो आपको प्रेरित करेगा कि आप अपने जीवन में सादगी, सत्य और भक्ति को अपनाएँ। कबीर जी के अमृत वचन हमें बताते हैं कि असली शांति और आनंद भीतर है, बाहरी वस्तुओं में नहीं।
📖 कबीर के अमृत वचन और मोटिवेशन
कबीर जी की वाणी केवल धार्मिक शिक्षा नहीं है, बल्कि जीवन को सरल और सार्थक बनाने का मार्ग है। वे हमें बताते हैं कि यदि हम सतनाम का जाप करें और अपने विचारों को शुद्ध करें तो जीवन में शांति और आनंद स्वतः आ जाएगा।
🌐 आधुनिक संदर्भ
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग धन, पद और प्रतिष्ठा के पीछे भागते हैं। कबीर जी का यह दोहा हमें याद दिलाता है कि यह सब क्षणभंगुर है। असली शांति आत्मा की यात्रा में है। यह संदेश हर युग में प्रासंगिक है और आज भी हमें जीवन का सही मार्ग दिखाता है
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