यहीं रुको, पापा, मैं अभी आता हूँ — उसने कहा था। पर मैं पाँच दिन तक हवाई अड्डे पर अकेला बैठा रहा… जब
Автор: Kahaniyan Rajan Ki – कहानियाँ राजन की
Загружено: 2025-11-07
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“यहीं रुको, पापा, मैं अभी आता हूँ” — उसने कहा था। पर वो कभी नहीं लौटा। मैं पाँच दिन एयरपोर्ट पर अकेला रहा, भूखा, ठंड में… जब तक एक अजनबी आई और मेरी ज़िंदगी हमेशा के
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