माई प्रकट भए हैं राम | राम नवमी - पंचामृत स्नान का पद | हिंदी अनुवाद सहित | Pushti Pragyan
Автор: Pushti Pragyan
Загружено: 2022-04-09
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मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री रामचंद्रजी जन्मोत्सव - श्री रामनवमी के दिवस श्री ठाकुरजी राजभोग आरोग ले उसके पश्चात श्री ठाकुरजी सन्मुख खंड - पाट - खिलौना - दर्पण इत्यादि साजने के बाद तथा देशी चैत्री गुलाब की फूलमण्डली धरने के बाद मध्याह्न कालमें प्रभु का प्रादुर्भाव (प्राकट्य) होता है और वैष्णव तंत्रोक्त विधान अनुसार शालिग्रामजी स्वरूप अथवा शिला स्वरूप श्री गिरिराजजी अथवा गोद के श्री लालन / बालकृष्ण स्वरूप प्रभु श्री रामचंद्रजी को पञ्चामृत स्नान कराया जाता है। तब यह परमानंददासजी रचित कीर्तन का गान किया जाता है। पञ्चामृत स्नान के बाद सभी स्वरूपों को तिलक किया जाता है और केसरी रंगका रेशमी उपरणा धराया जाता है। फूल के मालाजी पर सूक्ष्म खेल होता है।
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