राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल चायल ने गौरवशाली 100 वर्षों का समापन समारोह मनाया ।
Автор: chail today
Загружено: 2025-10-11
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शौर्य और सद्गुण की शताब्दी: राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल, चायल ने गौरवशाली 100 वर्षों का समापन समारोह मनाया
पाँचों राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूलों में सर्वप्रथम स्थापित राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल, चायल ने शिक्षा, अनुशासन और राष्ट्र निर्माण में अपने सौ वर्षों की गौरवशाली यात्रा का भव्य शताब्दी समारोह मनाया। वर्ष 1925 में किंग जॉर्ज पंचम की दूरदर्शी सोच के फलस्वरूप स्थापित यह प्रतिष्ठित संस्था आज साहस, चरित्र और देशभक्ति के आदर्शों पर खरे उतरने वाले असंख्य राष्ट्रनिर्माताओं की जननी बन चुकी है।
इस ऐतिहासिक अवसर पर थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, पीवीएसएम, एवीएसएम मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के ऐतिहासिक क्रिकेट स्टेडियम में ‘शताब्दी द्वार’ के उद्घाटन से हुआ, जो राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल, चायल की समृद्ध परंपरा, अनुशासन और सेवा की अमर विरासत का प्रतीक है।
विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री विमल कुमार गंगवाल जैन ने अपने संबोधन में शताब्दी वर्ष के दौरान आयोजित विविध कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने विद्यालय की शैक्षणिक, खेलकूद एवं सह-पाठ्यक्रम उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि विद्यालय निरंतर अनुशासित, उत्तरदायी और राष्ट्रनिष्ठ नेतृत्व के निर्माण के अपने मिशन को “शीलं परं भूषणम्” — अर्थात् “चरित्र ही सर्वोत्तम आभूषण है” — के आदर्श वाक्य को साकार कर रहा है।
इस अवसर पर थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने विद्यालय की सौ वर्षीय गौरवगाथा के उपलक्ष्य में विशेष स्मारक डाक कवर का अनावरण किया तथा विद्यालय के इतिहास, उपलब्धियों और भविष्य दृष्टि को संजोए ‘द सेंटेनियल क्रॉनिकल’ के विशेष संस्करण का विमोचन किया।
समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया —
कैडेट निखिल प्रताप सिंह (कक्षा XII) – सर्वश्रेष्ठ वरिष्ठ कैडेट
कैडेट आर्यन सिंह (कक्षा IX) – सर्वश्रेष्ठ कनिष्ठ कैडेट
कैडेट आराध्या (कक्षा VIII) – सर्वश्रेष्ठ बालिका कैडेट
सदन प्रतियोगिताओं में मिथिला सदन को सर्वश्रेष्ठ कनिष्ठ सदन तथा उज्जैन सदन को सर्वश्रेष्ठ वरिष्ठ सदन घोषित किया गया। इस अवसर पर विद्यालय को ‘शताब्दी ट्रॉफी’ भी प्रदान की गई।
विद्यालय परिवार ने “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के अंतर्गत 100 पौधों का रोपण कर सेवा की इस शताब्दी को हरित श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम में पश्चिमी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल एम. के. कटियार, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम सहित अनेक वरिष्ठ सैन्य एवं नागरिक अधिकारी, पूर्व छात्र और गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल, चायल का यह शताब्दी वर्ष वीरता, सद्गुण और दूरदर्शिता का प्रेरक प्रतीक बनकर उस मिशन को पुनः पुष्ट करता है, जो ईमानदारी, अनुशासन और देशभक्ति के मूल्यों पर आधारित भावी नेतृत्व के निर्माण हेतु समर्पित है।

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