नव हनुमान स्तुति #
Автор: Om Namo: Bhagwate Vasudevaya
Загружено: 2025-11-28
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Lyrics Crafted By — (तुम मिलो तो)
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Lyrics
जय हनुमान दयालु दाता,
रघुवर के तू विश्वरक्षक।
वज्र-कलापे तेज तेरा,
जपे जो नाम, होय सुखरक्ष।। १ ॥
अंजनिपुत्र बल के सागर,
सूर्यसमाना तेरा तेज।
पर्वत उड़ा, समुद्र लाँघा,
तूने मिटाए संकट-भेज।। २ ॥
राम-दूत तू भक्त-सहायी,
चरण-धूलि दे मन निर्मल।
अष्टसिद्धि नव निधि दाता,
कर दे जीवन पावन-जल।। ३ ॥
भूत-प्रेत सब भागे तेरा,
जपते ही पावन मंत्र।
दीन-दुखी की आशा बनकर,
तू ही आता पल में अंतः।। ४ ॥
वज्र-काय तू पर्वत-सा,
प्रीति भरी आँखे मंदाकिनी।
राम-काज में तन-मन अर्पित,
भक्ति तेरी अनंत धारा धानी।। ५ ॥
तू ही गुरु, तू ही सहारा,
तू ही रक्षा का अवतार।
हम पर कृपा करुना-वर्षा,
हे पवनसुत अपार-बलधार।। ६ ॥
जय-जय हनुमान महाबल,
जय-जय दयामय मारुत-नंद।
रखियो सदा चरणों में हमको,
हृदय बसे भगवन वज्र-अनंद।। ७ ॥
जो शर्द्धा से स्तुति गावे,
उसका हर संकट हो दूर।
शक्ति-भक्ति दोनों पावे,
भर जाए जीवन में ।। ८
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