👉नवरात्रि पूजन👈 । मां दुर्गा जी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की कथा । ब्रह्मचारिणी
Автор: संस्कृत जिज्ञासा
Загружено: 2024-04-09
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ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी और इसी वजह से उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ गया. नवरात्रि के दूसरे दिन देवी के इसी स्वरूप की पूजा होती है. इनकी साधना और उपासना से जीवन की हर समस्या और संकट दूर हो जाता है ।
माँ दुर्गाजी का यह द्वितीय- स्वरूप भक्तों और सिद्धों को अनन्तफल देने वाला है। इनकी उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। जीवन के कठिन संघर्षों में भी उसका मन कर्तव्य-पथ से विचलित नहीं होता।
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