DSE :- भारतीय और पाश्चात्य रंगमंच ||sem05||DU||✅✅📌📕📕||p:-01
Автор: YouTube 1 Khoj
Загружено: 2025-12-11
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semester 05
Reguar Or sol student's ✅
part :-1
Unit :-1, 2
pyq +syllabus
भारतीय और पाश्चात्य रंगमंच (DSE)
भारतीय और पाश्चात्य रंग सिद्धांतों के बीच अंतर और उनकी परंपरा का पूरा परिचय देना।
दोनों की विविध नाट्य रूपों के दार्शनिक चिंतन के अंतर की जानकारी देना।
भारतीय तथा पाश्चात्य नाट्य रूपों की व्यावहारिक और प्रयोगात्मक जानकारी देना।
📝 पाठ्यक्रम की इकाइयाँ (Syllabus Units)
इकाई-1: नाटक की अवधारणाएँ (12 घंटे)
नाटक की भारतीय अवधारणाएँ (उत्पत्ति और स्वरूप संबंधी मान्यताएँ)।
नाटक की पाश्चात्य अवधारणाएँ (उत्पत्ति और स्वरूप संबंधी मान्यताएँ)।
इकाई-2: नाट्यरूप (12 घंटे)
भारतीय नाट्यरूप: रूपक, उपरूपक, नाटक (प्रकार और भेद)।
आधुनिक भारतीय नाट्यरूप: काव्य नाटक, एकांकी, रेडियो नाटक, नुक्कड़ नाटक।
इकाई-3 और इकाई-4: सिद्धांत और पाश्चात्य नाट्यरूप (9 + 12 घंटे)
अरस्तू: अनुकरण सिद्धांत।
अरस्तू: विरेचन सिद्धांत।
पाश्चात्य नाट्यरूप: त्रासदी, ड्रामा।
पाश्चात्य नाट्यरूप: कामदी, मेलोड्रामा।
📚 सहायक ग्रंथों की सूची (Suggested Readings)
इस कोर्स के लिए कुछ प्रमुख सहायक ग्रंथ हैं:
भरतमुनि: नाट्यशास्त्र।
डॉ. नगेंद्र: भारतीय नाट्य चिंतन।
नेमिचंद्र जैन: रंगदर्शन।
सीताराम चतुर्वेदी: भारतीय एवं पाश्चात्य रंगमंच।
शेल्डान चेनी: रंगमंच।
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by :- vikas
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