285 समयसार ( वाचना ) गाथा - 146 -149
Автор: Vipin Jain Shastri
Загружено: 2025-12-26
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ग्रंथाधिराज समयसार प्रवचन क्रमांक - 285
प्रवचनकार पण्डित विपिन जी शास्त्री , नागपुर
सत्पथ - जिस पंथ चले भगवंत वही आचरिए!
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