नागेश्वर ज्योतिर्लिंग - मोक्ष और मुक्ति का द्वार!
Автор: Manoj Mishra
Загружено: 2025-12-02
Просмотров: 408
🔹 कहाँ है — अवस्थिति
Nageshwar Jyotirlinga भारत के गुजरात राज्य के सौराष्ट्र तट पर स्थित है, लगभग 17–25 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में Dwarka नगर से।
यह स्थान प्राचीन जंगल क्षेत्र Darukavana (दारुकावन) में माने जाते हैं।
📜 पौराणिक कथा और स्थापना
प्राचीन कथा के अनुसार, दारुकावन में एक दुष्ट राक्षस था — Daruka। उसने एक धर्मात्मा भक्त, Supriya, को बंदी बना लिया।
उस समय Supriya ने मन, वचन, कर्म से परम भक्ति के साथ शिव-मंत्र जाप किया — “ॐ नमः शिवाय” — जिससे प्रसन्न होकर Shiva स्वयं प्रकट हुए और Daruka का वध किया।
उसी घटना के बाद शिवजी एक स्वयम्भू (स्वतः प्रकट) शिवलिंग के रूप में वहां विराजमान हुए — यही शिवलिंग अब Nageshwar Jyotirlinga के नाम से पूजित है।
इस कारण शिवजी का यह रूप “नागों के ईश्वर” यानी “नागेश्वर” कहलाया — क्योंकि शिव जी का गला वासुकी (नाग) से जुड़ा माना जाता है।
🙏 धार्मिक महत्व
Nageshwar Jyotirlinga, देश भर में जाने माने 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
इसे ज्योतिर्लिंगों में से “दसवाँ” दर्जा प्राप्त है।
माना जाता है कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से भक्तों के पाप धुल जाते हैं, उन्हें सांप या अन्य विष से रक्षा मिलती है (क्योंकि शिव को नागों का देवता माना जाता है)।
कुछ पुराणों में लिखा है कि यहाँ जो भक्त निष्ठा के साथ पूजा करता है, उसे मोक्ष (मुक्ति) की प्राप्ति होती है।
🎯 दर्शन व यात्रा — कैसे पहुंचे
सड़क मार्ग — Dwarka से टैक्सी, बस या अपनी गाड़ी से लगभग 17-25 किमी दूरी तय करनी होगी।
रेल-मार्ग — नज़दीकी रेलवे स्टेशन है Dwarka या Okha। वहाँ से टैक्सी/ऑटो द्वारा मंदिर पहुँचा जा सकता है।
हवाई मार्ग — नज़दीकी हवाई अड्डा है Jamnagar; वहाँ से टैक्सी/बस द्वारा Dwarka/Nageshwar पहुँचा जा सकता है।
मंदिर परिसर में एक बड़ा हॉल, मुख्य गर्भगृह (जिसमें शिवलिंग है) और आस-पास तालाब व उद्यान भी है, जो दर्शन व शांति के लिए लोकप्रिय है।
🕉️ कब जाएं — सबसे उपयुक्त समय
सर्दियों (लगभग नवम्बर से फरवरी) का समय यात्रा के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
साथ ही, Maha Shivaratri के समय यहाँ विशेष माहौल रहता है — भक्तों की भीड़ होती है और उत्सव देखने जैसा होता है।
✨ दिलचस्प बातें / विशेषताएँ
यह शिवलिंग स्वयम्भू माना जाता है — यानी किसी मनुष्य ने बनाया नहीं, खुद प्राकृतिक रूप से प्रकट हुआ।
धार्मिक रूप से ऐसा भी माना जाता है कि Nageshwar Jyotirlinga के दर्शन से भक्तों को पाप और विष दोनों से रक्षा मिलती है — इसलिए इसे “नागों का ईश्वर” कहकर पूजते हैं।
मंदिर के पास समुद्र तट और अन्य धार्मिक–पौराणिक स्थल भी हैं — अगर आप धर्म + पर्यटन दोनों साथ में जोड़ना चाहते हैं, तो यह यात्रा अच्छी रहेगी।
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: