दिल छू लेने वाली प्रेमचंद की कहानी: नैराश्य लीला (Nairashya Leela) | Hindi Story Podcast
Автор: Mico FM
Загружено: 2025-11-02
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Mico FM प्रस्तुत करता है मुंशी प्रेमचंद की कहानी “नैराश्य लीला” – हिंदी साहित्य की एक मार्मिक रचना
। यह कहानी एक युवा विधवा कैलाशकुमारी के जीवन के उतार-चढ़ाव, सामाजिक बंधनों और नैराश्य (निराशा) की भावनाओं को गहराई से उजागर करती है। प्रेमचंद ने इस रचना में दिखाया है कि कैसे एक पारंपरिक वातावरण में भी महिला आत्मसम्मान और स्वतंत्रता की चाह रख सकती है।
कहानी की शुरुआत होती है कैलाशकुमारी के अचानक विधवा हो जाने से – विवाह का गौना भी न हुआ था कि पति का देहांत हो गया। 13 वर्षीय कैलाशकुमारी अपने घर-परिवार से ही परिचित थी, इसलिए पति के मरने पर वह अनजान-मुस्कान वाली आँखों से आश्चर्य जता देती है। पिता-पुत्री हृदयनाथ और माता जागेश्वरी का जीवन जैसे थम सा गया। दोनों माता-पिता अपनी इकलौती बेटी के इस दुःख को हल्का करने के लिए उसे भिन्न-भिन्न मनोरंजन से बहलाने लगते हैं। परिवार उसे थिएटर, फिल्म, संगीत और सैर-सपाटे के जरिये रोज़ खुश करने की कोशिश करता है। शुरुआत में ये उत्सव और मनोरंजन कैलाशकुमारी को विचलित नहीं कर पाते, लेकिन समय के साथ वह इन्ही बाहरी सुखों की आदी हो जाती है।
समाज की रूढ़िवादी सोच और पड़ोसियों की नाराजगी के बाद पिता-पुत्री मिलकर मार्ग बदलते हैं। कैलाशकुमारी धीरे-धीरे अध्यात्म की ओर रुचि लेने लगती है और स्वयं को संन्यास और सेवा के काम में झोंक देती है। वह मोह-माया का परित्याग कर अनाथ लड़कियों को पढ़ाने और उनकी सेवा में लग जाती है। अपनी सूझ-बूझ और त्याग से वह आत्मनिर्भर बनती है और देखने वालों को प्रेरणा देती है। प्रेमचंद की यह रचना दर्शाती है कि “हिंदू विधवा की त्रासदी” होते हुए भी कैलाशकुमारी अपनी सत्ता और स्वतंत्रता का जीवन जीकर भारतीय स्त्री का उत्कर्ष करती है।
परिवार और समाज की दृष्टि बदलती रहती है। अंत में पिता हृदयनाथ सोचते हैं: “क्या आत्म-सम्मान का भाव जागृत हुआ है या नैराश्य की क्रूर क्रीड़ा?” अर्थात् प्रेमचंद पाठक से प्रश्न करते हैं कि उसकी इस परिवर्तनशील यात्रा में आत्मसम्मान की विजय है या निराशा की अंतिम अवस्था। कहानी का भावनात्मक और दार्शनिक समाधान सुनने वाले को गहराई से झिंझोड़ देता है, और समाज में नारी की स्थिति पर सोचने के लिए मजबूर करता है।
Mico FM की इस ऑडियो-कहानी में आपको प्रेम, त्याग, सामाजिक बंधन और आत्मसम्मान की भावनाओं का संगम सुनने को मिलेगा। हिंदी-प्रेमी कहानीकारों, साहित्य प्रेमियों और भावुक कथानकों के शौकीनों के लिए यह कहानी विशेष रूप से आकर्षक है। नीचे दिए गए हैशटैग और टैग्स के ज़रिए आसानी से खोजें और Mico FM की इस मार्मिक कहानी का आनंद लें।
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