रानी ने पुनीत को थप्पड़ मारने क्यों जा रही थी फिर कौन रोका | Woh Rehne Waali Mehlon Ki | Ep 66
Автор: INN Serial
Загружено: 2025-08-10
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रानी ने पुनीत को थप्पड़ मारने क्यों जा रही थी फिर कौन रोका | Woh Rehne Waali Mehlon Ki | Ep 66
उसकी दुनिया सोने-चांदी से नहीं, एहसासों से बनी थी। वो जब किसी की तरफ देखती, तो सामने वाला खुद को किसी शहज़ादे से कम नहीं समझता। पर अफ़सोस, उसकी किस्मत में कोई महल नहीं था, बस यादों की एक जालीदार खिड़की थी, जिससे वो हर रोज़ उस दुनिया को देखती रही — जहाँ से वो आई थी।
वो आज भी दिलों में एक रानी बनकर रहती है — बेआवाज़, बेनिशान, लेकिन हमेशा हाज़िर।
वो रहने वाली महलों की थी,
पर बातों में झलकता था कोई अधूरा फ़साना।
जैसे रेशमी पर्दों में छुपा हो दर्द,
और झूमरों की छाँव में बसता हो वीराना।
उसकी हँसी में गूंजते थे सितारों के गीत,
मगर आँखों में थी एक अनकही बरसात।
हर लम्हा उसके पास लगता था ख़ास,
फिर भी वो रहती थी सबसे अलग, सबसे पास।
ज़ुबां से कम बोलती थी,
मगर ख़ामोशी बहुत कुछ कह जाती थी।
जैसे हर लफ़्ज़ किसी किताब से नहीं,
बल्कि सदियों पुरानी रूह से आती थी।
लोग कहते थे, “वो रानी है, शाही है, दूर है।”
मगर उसकी तन्हाई हर दिल के करीब थी।
कभी झरोखे में बैठी चाँद से बातें करती,
कभी आईने से अपने आप से जिरह करती।
वो रहने वाली महलों की थी,
मगर दिल... एक फकीर सा था।
इश्क़ में वक़्त और हैसियत नहीं देखती थी,
बस चाहने वाले की नीयत पढ़ती थी।
कहते हैं आज भी वो खिड़कियों से झाँकती है,
किसी सच्चे इश्क़ की राह ताकती है।
वो सिर्फ एक लड़की नहीं,
एक दास्तान थी...
जो अधूरी होकर भी मुकम्मल थी।
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