श्री राम की दीवनी/स्वर-श्री कर्मपाल शर्मा /लेखक-श्री रामपाल बम्हेटा/Shri Ram Ki Deewani-GNG-KPS-1997
Автор: Satyaveer Kundu
Загружено: 2023-11-09
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श्री राम की दीवनी
स्वर-श्री कर्मपाल शर्मा व साथी
लेखक-श्री रामपाल बम्हेटा
निर्मात्री व निर्देशिका-श्रीमती सुनीता शर्मा
प्रस्तुति-जी0एन0जी कैसेट
प्रस्तुति वर्ष-1997
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1. जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम,
राम के नाम हो मतवाला, पी ले ये अमृत रस का प्याला,
जिसने ये नाम रटा, उसका तो पाप कटा,
जय श्री राम जय श्री राम, जय श्री राम।।
2. संग बन को तुम्हारे चलूंगी पिया,
घर बैठो ना तुम बन को चलो सिया।।
3. केकैयी तूने जुल्म गुजारे, बन में भेज दिए श्रीराम,
राम बिना सारा जग सूना, सब जग है अंधियारा,
राम नाम दीप बिना ना हृदय में उजियारा।।
4. रामा रामा रटते-रटते बीती रे उमरिया,
रघुकुलनंदन कब आओगे भीलनी की नगरिया।।
5. हो सरयू के खड़े श्री राम मांग रहे नैया,
दशरथ के राजकुमार श्री राम मांग रहे नैया।।
6. हो सीते जनक दुलारी क्यों मनै ज्यादा तड़फा री,
हो आजा मेरी प्राणप्यारी।।
7. अंगूठी मनै साच बता दे हे, कहां तो री छोड़े रघुबीर,
हे अशोक के वृक्ष पर छिपे अंजनी लाल.......
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