अक्षय तृतीया - भगवान परशुराम जयंती
Автор: कड़वी बात
Загружено: 2025-04-29
Просмотров: 223
भगवान परशुराम हिंदू धर्म के एक प्रमुख देवता और विष्णु के दशावतारों (दस अवतारों) में से छठे अवतार माने जाते हैं। उन्हें एक महान योद्धा, तपस्वी और ब्रह्म क्षत्रिय (ब्रह्मण और क्षत्रिय दोनों गुणों से युक्त) के रूप में जाना जाता है। नीचे उनके बारे में प्रमुख बातें दी गई हैं:
जन्म और वंश:
परशुराम का जन्म जमदग्नि ऋषि और रेणुका के घर हुआ था।
वे भार्गव गोत्र से थे और उनके पिता एक महान ब्राह्मण ऋषि थे।
उनका असली नाम 'राम' था, लेकिन जब उन्होंने भगवान शिव से परशु (कुल्हाड़ी) प्राप्त की, तभी से उन्हें परशुराम कहा जाने लगा।
विशेषताएँ और कृतित्व:
परशुराम को शस्त्र और शास्त्र दोनों का मर्मज्ञ माना जाता है।
उन्होंने अपने पिता के कहने पर अपनी माँ का वध किया और फिर पश्चाताप स्वरूप उन्हें पुनर्जीवित किया।
उन्होंने अत्याचारी क्षत्रिय राजाओं का 21 बार संहार किया क्योंकि उन्होंने उनके पिता को अन्यायपूर्वक मारा था।
वे चिरंजीवी (अजर-अमर) माने जाते हैं और मान्यता है कि वे अभी भी जीवित हैं।
महाभारत काल में उन्होंने भीष्म, द्रोणाचार्य और कर्ण जैसे योद्धाओं को शिक्षा दी थी।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व:
परशुराम जयंती, अक्षय तृतीया के दिन मनाई जाती है।
वे न्याय, धर्म की रक्षा और अत्याचारियों के विनाश के प्रतीक माने जाते हैं।
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: