🙏सहजयोग की उत्पत्ति17 दिसम्बर 1973🌹मुम्बई
Автор: Sahajyoga way of salvation
Загружено: 2023-06-27
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🌹 *परम पूज्य श्री माताजी की दिव्य वाणी*🌹
प्रेम की तो कोई भाषा नहीं होती है जो प्रेम के बारे में कुछ कहा जाये, हमारी माँ हमसे जब प्यार करती है, वो क्या कह सकती है कि उसका प्यार कैसा है, ऐसे ही परमेश्वर ने हमें जब प्यार किया, जब उसने सारी सृष्टि की रचना की तब उनके पास भी कोई शब्द नहीं थे कहने के लिए।
आज सृष्टि की उत्पत्ति की बात मैं आपसे कुछ करना चाहती हूँ, प्रथम का दिवस है और उसका सहजयोग से क्या संबंध है, वो भी बताना है, ब्रह्म के बारे में कहा जाता है कि वो आदि और अंत से परे है, नित्य है, जिसे हम चैतन्य समझते हैं, जिसे हम चैतन्य शक्ति समझते हैं उससे ब्रह्म का स्वरुप अलग है, चैतन्य शक्ति उसी ब्रह्म का एक अंग है, ब्रह्म मने जो कुछ भी है सब कुछ प्रभु का है, जैसे एक बीज ही सब कुछ पेड़ होता है, जैसे एक ही बीज में से पूरा का पूरा और अनंत पेड़ निकलते रहते हैं और फिर से वही पेड़ जाकर एक बीज में खत्म हो जाता है, उसी प्रकार ब्रह्म अनेक प्रकार विकारों में प्रादुर्भावित होता है और अंत में फिर वही बीज बन जाता है और फिर बीज से अनेकानेक अनंत विश्व उत्पन्न होते हैं।
*मुझे तो आपको यही बतलाना है जिस शक्ति के सहारे आप चल रहे हैं, आपका जीवन चला रही है, उसको जरूर जान लीजिये, वही परमात्मा की शक्ति है, वही कुण्डलिनी शक्ति है।🙏
🙏सहजयोग की उत्पत्ति17 दिसम्बर 1973🌹मुम्बई🙏
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