अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2021, सेंट विवेकानंद मिलेनियम स्कूल,श्रीमद भगवद गीता के 18 श्लोक
Автор: Aacharya Sunil Dutt Gautam
Загружено: 2021-12-08
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अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2021, श्रीमद भगवत गीता के 18 श्लोक, भाग –1, विवेकानंद मिलेनियम स्कूल, एचएमटी टाउनशिप, पिंजौर.
स्मरण करने का सरल तरीका।
धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे, समवेता युयुत्सवः।
मामकाः पाण्डवा श्चैव, किम कुर्वत सञ्जय।।1.1।।
कर्मण्ये वाधिकार स्ते, मा फलेषु कदाचन।
मा कर्म फल हेतुर् भूर, मा ते संगो–स्त्व कर्मणि।।2.47।।
कर्मणैव हि संसिद्धि, मास्थिता जनकादयः।
लोक संग्रह मेवापि, संपश्यन् कर्तु मर्हसि।।3.20।।
एवं ज्ञात्वा कृतं कर्म, पूर्वै रपि मुमुक्षुभिः।
कुरु कर्मैव तस्मात्त्वं, पूर्वैः पूर्व तरं कृतम्।।4.15।।
ब्रह्मण्या धाय कर्माणि, सङ्गं त्यक्त्वा करोति यः।
लिप्यते न स पापेन, पद्म पत्र मिवाम्भसा।।5.10।।
आत्मौपम्येन सर्वत्र, समं पश्यति योऽर्जुन।
सुखं वा यदि वा दुःखं, सः योगी परमो मतः।।6.32।।
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