जय सगुण निर्गुण रूप | Sri Ramcharitmanas | Madhvi Madhukar
Автор: Madhvi Madhukar
Загружено: 2023-10-31
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जय सगुण निर्गुण रूप अनूप भूप सिरोमने। दसकंधरादि प्रचंड निसिचर प्रबल खल भुज बल हने।।
अवतार नर संसार भार बिभंजि दारुण दुख दहे। जय प्रनत पाल दयाल प्रभु संयुक्त सक्ति नमामहे।।
तब बिषम माया बस सुरासुर नाग नर आग जग हरे। भव पंथ भ्रमत अमित दिवस निशी काल कर्म गुनानी भरे।।
जे नाथ करि करुणा बिलोके त्रिबिधि दुख ते निर्बहे। भव खेद छेदन दच्छ हम कहुँ रच्छ राम नमामहे।।
जे ज्ञान मान बिमत्त तव भव हरनि भक्ति न आदरी। ते पाई सुर दुर्लभ पदादपि परत देखत हरी।।
बिस्वास करि सब आस परिहरि दास तव जे होइ रहे। जपि नाम तब बिनु श्रम तरहीं भव नाथ सो समरामहे।।
जे चरण सिव अज पूज्य रज सुभ परसि मुनिपत्नी तरी। नख निर्गता मुनि बंदिता त्रैलोक पावनि सुरसरि।।
ध्वज कुलिस अंकुस कंज जुत बन फिरत कंटक किन लहे। पद कंज द्वंद मुकुंद राम रमेश नित्य भजामहे।।
अब्यक्तमूलमनादि तरु त्वच चारि निगमागम भने। षट कंध साखा पंच बीस अनेक पर्न सुमन घने।।
फल जुगल बिधि कटु मधुर बेलि अकेलि जेहि आश्रित रहे। पल्लवत फूलत नवल नित संसार बिटप नमामहे।।
जे ब्रम्ह अजमद्वैतमनुभवगम्य मनपर ध्यावहीं। ते कहहुँ जानहुँ नाथ हम तव सगुन जस नित गावहीं।।
करुनायतन प्रभु सदगुनाकर देव यह बर मागहीं। मन बचन कर्म बिकार तजि तव चरन हम अनुरागहीं।।
Song Credits:
Song: Jai Sagun Nirgun Roop Roop
(Sri Ramcharitmanas)
Composition : Madhvi Madhukar
Singer: Madhvi Madhukar
Music Label : SubhNir Productions
Music Director: Nikhil Bisht, Rajkumar
Music Arrangements : Pawan Kumar
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