वर - कन्या के सप्तपदी के वचन सुनें...
Автор: Hindutva
Загружено: 2025-11-05
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🌸 सप्तपदी के सात वचनों का महत्व 🌸
हिंदू विवाह में सप्तपदी का अर्थ है — वर और वधू का अग्नि के साक्षी में सात कदम चलना और सात जन्मों तक साथ निभाने का संकल्प लेना। इन सात कदमों के साथ लिए गए वचन केवल धार्मिक कर्मकांड नहीं होते, बल्कि जीवन के हर पहलू को दिशा देने वाले आदर्श सिद्धांत होते हैं।
सप्तपदी के सात वचनों का महत्व यह है कि ये विवाह को केवल शारीरिक या सामाजिक बंधन नहीं, बल्कि आत्मिक और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक बनाते हैं। ये पति-पत्नी को एक-दूसरे के सुख-दुख, कर्तव्यों, भावनाओं और जिम्मेदारियों से जोड़ते हैं।
इन वचनों के माध्यम से दंपत्ति यह प्रतिज्ञा करते हैं कि वे जीवन की हर परिस्थिति में एक-दूसरे का साथ देंगे — न केवल भौतिक सुखों के लिए, बल्कि मानसिक, नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिए भी। यह सातों वचन दांपत्य जीवन में प्रेम, निष्ठा, त्याग, सहयोग, सम्मान और विश्वास का गहरा संदेश देते हैं।
इनका वास्तविक महत्व इस बात में है कि जब दो आत्माएँ अग्नि के चारों ओर इन वचनों के साथ चलती हैं, तो वे एक-दूसरे में परमात्मा का अंश देखना सीखती हैं। इस प्रकार सप्तपदी विवाह को केवल एक संस्कार नहीं, बल्कि जीवन की साझी यात्रा बना देती है — जिसमें "मैं" और "तुम" नहीं, बल्कि "हम" का उदय होता है।
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