भोजन के बाद इंसुलिन Correction क्यों नहीं लेना चाहिए? | Insulin Stacking से बचें | DrPKLyfe
Автор: DrPKlyfe : Let The Nature Help Heal You.
Загружено: 2025-11-15
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INTRO (0:00 – 0:30)
भोजन के बाद इंसुलिन का Correction Dose लेना बहुत लोगों की गलती है।
इस वीडियो में DrPKLyfe बताते हैं कि ऐसा करना क्यों खतरनाक है — इससे Hypoglycemia, Insulin Stacking, और रक्त शर्करा का रोलर-कोस्टर बढ़ जाता है।
जानिए Rapid-acting insulin कैसे काम करता है, Meal Timing क्यों जरूरी है और ADA की क्या सलाह है।
यह वीडियो Type 1 और Type 2 डायबिटीज वाले हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
नमस्ते दोस्तों, मैं हूँ Dr. Pankaj Karan (DrPKLyfe).
आज हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न का सरल भाषा में जवाब देंगे:
“भोजन खाने के बाद इंसुलिन का करेक्शन डोज़ क्यों नहीं देना चाहिए?”
यह गलती बहुत से लोग करते हैं और इसका परिणाम अक्सर लो शुगर, चक्कर, रात में गिरावट, और ब्लड शुगर के रोलर-कोस्टर के रूप में होता है।
1. खाना और इंसुलिन शरीर में कैसे काम करते हैं? (0:30 – 2:00)
खाना खाने के बाद कार्बोहाइड्रेट तुरंत ही ग्लूकोज़ में बदलने लगते हैं।
यह ग्लूकोज़ कुछ ही मिनटों में आपके ब्लड में पहुँच जाता है।
लेकिन Rapid-Acting इंसुलिन (जैसे Humalog, Novolog, Aspart, Fiasp):
शुरू होता है: 15–20 मिनट बाद
पीक करता है: 1.5–3 घंटे में
काम करता रहता है: 4 घंटे तक
यानी खाना जल्दी बढ़ता है, इंसुलिन देर से काम करता है।
अगर इंसुलिन भोजन खाने के बाद लें तो टाइमिंग बिल्कुल नहीं मिलती।
2. भोजन के बाद इंसुलिन लेने से क्या होता है? (2:00 – 3:00)
अगर आप भोजन के बाद इंसुलिन लेते हैं:
ब्लड शुगर पहले ही ऊपर जा चुका होता है
इंसुलिन की क्रिया बाद में शुरू होती है
फिर इंसुलिन पीक पर पहुँचता है जब ग्लूकोज़ नीचे आ चुका होता है
इससे होता है लेट हाइपोग्लाइसीमिया (लो शुगर)।
3. इंसुलिन स्टैकिंग — सबसे बड़ी समस्या (3:00 – 5:00)
अधिकतर लोग खाना खाने के 1–2 घंटे बाद शुगर चेक करते हैं।
अगर शुगर हाई दिखी तो वे फिर से इंसुलिन दे देते हैं।
लेकिन पहली इंसुलिन अभी भी काम कर रही होती है।
इसे कहते हैं Insulin Stacking।
इसके कारण होता है:
अचानक शुगर का गिरना
रात में लो शुगर
बेहोशी
इमरजेंसी विज़िट
बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव
वजन बढ़ना
अत्यधिक भूख
यही कारण है कि भोजन के बाद करेक्शन इंसुलिन लेना खतरनाक है।
4. रोलर-कोस्टर ब्लड शुगर (5:00 – 6:30)
पोस्ट-मील इंसुलिन करेक्शन से एक पैटर्न बनता है:
High → Correction → Low → Overeating → High
यह चक्र:
A1c को खराब करता है
शुगर को अस्थिर बनाता है
स्ट्रेस और थकान बढ़ाता है
वजन बढ़ाता है
डायबिटीज कंट्रोल का मकसद स्टेबल शुगर है, न कि नंबरों को पीछा करना।
5. सही तरीका: भोजन से पहले की योजना (6:30 – 8:00)
सही तरीका यह है:
भोजन से पहले शुगर चेक करें
कार्ब के अनुसार बोलस इंसुलिन लें
केवल पहले से हाई शुगर होने पर ही करेक्शन मिलाएं
भोजन के बाद कम से कम 3–4 घंटे तक कोई करेक्शन न करें
अगर आप मील-टाइम इंसुलिन लेना भूल जाएँ,
तो खाना शुरू करने के 10–15 मिनट के अंदर ले सकते हैं।
लेकिन करेक्शन डोज़ न जोड़ें।
6. किन लोगों में यह और भी खतरनाक है? (8:00 – 9:00)
पोस्ट-मील करेक्शन निम्न लोगों में बहुत जोखिमपूर्ण है:
बच्चे और किशोर
बुजुर्ग
किडनी रोग वाले
Hypoglycemia unawareness
टाइप 1 डायबिटीज
Ultra-fast इंसुलिन लेने वाले (Fiasp, Lyumjev)
7. डायबिटीज गाइडलाइंस क्या कहती हैं? (9:00 – 9:30)
ADA और AACE की सलाह:
भोजन के बाद 3–4 घंटे तक कोई करेक्शन नहीं
Carb counting सुधारें
CGM ट्रेंड को देखें, नंबर को नहीं
🎯 CLOSING (9:30 – 10:00)
Meal के बाद correction insulin एक साधारण लगने वाली गलती है,
लेकिन यह खतरनाक लो शुगर और शुगर रोलर-कोस्टर का बड़ा कारण है।
इंसुलिन हमेशा Meal से पहले प्लान करें — बाद में नहीं।
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