कुछ आत्माएँ मुक्त क्यों नहीं हो पातीं? प्रेत-लोक का सबसे दुखद रहस्य
Автор: MINDFIT SPRITUAL
Загружено: 2025-12-23
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क्या हर आत्मा मृत्यु के बाद मुक्त हो जाती है?
या कुछ आत्माएँ अधूरी इच्छाओं, मोह और अपराधबोध में
कहीं अटक जाती हैं?
इस एपिसोड में हम प्रवेश कर रहे हैं
प्रेत-लोक में —
जिसे Sanatan Dharma किसी डरावनी जगह की तरह नहीं,
बल्कि चेतना की एक अटकी हुई अवस्था के रूप में देखता है।
प्रेत का अर्थ है —
जो जा चुका है, पर गया नहीं।
शरीर छूट गया,
लेकिन मन नहीं छूटा।
इस वीडियो में आप जानेंगे:
आत्माएँ क्यों अटकती हैं?
अचानक मृत्यु, मोह, डर और अपराधबोध का क्या संबंध है?
प्रेत-लोक कोई जगह क्यों नहीं, बल्कि मन की अवस्था है?
Garud Puran इस बारे में क्या संकेत देता है?
“वह इंतज़ार करता पिता” — एक सच्ची-सी कहानी जो दिल तोड़ देगी
यह वीडियो डराने के लिए नहीं है।
यह वीडियो जगाने के लिए है।
क्योंकि अक्सर आत्माएँ नहीं अटकतीं…
हमारी अधूरी पकड़ उन्हें रोक लेती है।
Sanatan Dharma का सबसे गहरा संदेश यही है:
👉 मुक्ति आत्मा को नहीं, मन को चाहिए।
अगर यह वीडियो आपको भारी लगे,
तो समझिए यह सिर्फ कथा नहीं —
आपके ही भीतर की कहानी है।
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👉 Possession —
क्या आत्माएँ जीवित शरीरों से जुड़ सकती हैं?
जय श्रीकृष्ण। 🙏
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