त्रा ने उगाया लाल सेम का पौधा: Learn Hindi with subtitles - Story for Children and Adults
Автор: BookBox Hindi
Загружено: 2022-08-27
Просмотров: 27339
Tra is excited about her birthday gift. It's three red bean seeds and a book about gardening. She plants her seeds and waters them daily. But for some reason her plant begins to droop. What could be wrong?
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त्रा ने उगाया लाल सेम का पौधा
लेखिका - न्गूये थी होन्ग हन्ह
त्रा के जन्मदिन पर
उसकी माँ ने उसे एक ख़ास तोहफा दिया।
“वाह। लाल सेम
और बाग़बानी की किताब,” त्रा ने कहा।
“अब मैं खुद का
लाल सेम का पौधा उगा सकूंगी।”
पहले, बीज को बो दो, त्रा ने पढ़ा।
उसने बीज ज़मीन में बो दिया।
“तुम बहुत बढ़िया कर रही हो त्रा!”
किताब ने उससे कहा।
अब, इसे सींच दो।
ला ला ला!
त्रा सींचते-सींचते गाती रही।
“मेरा लाल सेम का पौधा
जल्दी ही बड़ा हो जाएगा,”
त्रा ने अपने दोस्तों से कहा।
“उसे स्वस्थ रखने के लिए
तुम्हें उसे ख़ूब सींचना होगा,”
उन्होंने कहा।
“ठीक उसी तरह जैसे बच्चों को
बड़ा और बलशाली बनने के लिए
ख़ूब सारा दूध पीना पड़ता है।”
कुछ दिनों बाद,
लाल सेम में अंकुर फूटे।
“देखो माँ!”
त्रा ने पुकार कर कहा।
“यह बढ़ रहा है!”
अगली सुबह
त्रा ने पौधे को फिर से पानी से सींचा,
“ला ला ला! पीओ, पीओ, पीओ!”
वह गाती रही।
“अगर तुम ज़्यादा पानी पिओगे
तो जल्दी से बड़े हो जाओगे।”
“हे भगवान्, इस तरह नहीं त्रा!”
किताब बोली।
दोपहर को त्रा ने पौधे को फिर सींचा।
ला ला ला!
“ओहो, त्रा!”
अब किताब ने ऊँची आवाज़ में कहा।
“मेरे पन्नो में साफ़ लिखा है,
पौधे को दोपहर में नहीं सींचना चाहिये।”
लेकिन त्रा तो उसे सींचती गयी।
ला ला ला, ला ला ला!
“ओह त्रा!
तुम मुझे पढ़ना भूल गयी।”
अगले दिन,
विद्यालय जाते वक़्त
त्रा ने अपनी माँ को हिदायतें दीं।
“कृपया, दोपहर को मेरे पौधे को
“कृपया, दोपहर को मेरे पौधे को
ख़ूब पानी पिला देना!”
“क्या तुमने किताब पढ़ी?”
माँ ने पूछा।
“मेरे पन्नों में तो लिखा है
कि पौधे को दिन में
एक ही बार सींचना चाहिये,”
उदास होकर किताब बोली।
“ओह त्रा!”
तीन दिन बाद
त्रा भी बहुत दुःखी थी।
“मेरा बेचारा पौधा!” वह रो पड़ी।
विद्यालय में
उसने अपने दोस्तों से
इसके बारे में बात की।
“मैं अपने पौधे का
इतनी अच्छी तरह ध्यान रख रही हूँ।
फिर भी वो इतना उदास क्यों है?”
“किताब क्या कहती है?”
उन्होंने पूछा।
“हे ईश्वर,” त्रा ने कहा।
“मैंने तो किताब पढ़नी ही छोड़ दी।”
घर पर,
त्रा ने वह पौधा अपनी माँ को दिखलाया।
“मैं अपनी गलती मानती हूँ माँ,”
त्रा ने कहा।
“अब मैं पहले किताब पढ़ूंगी।”
“बहुत अच्छा विचार है,”
माँ ने जवाब दिया।
पौधे को बहुत ज़्यादा पानी मत पिलाना,
वरना उसकी जडो में जमी मिट्टी दलदली हो जायेगी।
त्रा ने पढ़ा,
पत्तियाँ कुम्हला कर
भूरे रंग की हो जायेंगी।
“मुझे माफ़ करना,
लाल सेम,”
त्रा फुसफुसायी।
“पौधा उदास नहीं होगा,
क्योंकि वह जानता है
कि तुम उससे प्यार करती हो,”
उसकी माँ ने कहा।
“पौधे की देखभाल कैसे की जाती है
इसे ठीक से सीखो फिर अपना प्यार जताओ।
तुम्हे किताब से भी माफ़ी मांगनी चाहिए
क्यूंकि तुमने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया,
वो भी चाहती है की तुम उसकी बात मानो।”
कुछ दिनों के बाद
लाल सेम का पौधा फिर से लहलहा उठा।
अब त्रा और बागबानी की किताब
बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे।
Story: Nguyễn Thị Hồng Hạnh
Illustrator: Phạm Hùng Vinh
Animation: BookBox
Translation: Vandana Maheshwari
Narration: Sweta Sravan Kumar (BookBox)
Music: Rajesh Gilbert
This story has been provided for free under the CC-BY license by Pratham Books, which is a not-for-profit children's books publisher with a mission to see "A book in every child's hand". Visit http://www.prathambooks.org to know more. Artwork has been adapted from the original book while the animation, music and narration have all been done by BookBox.
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