Kevalgyan kalyanak song | Mallika Mahek Jain I Manan shah | Jain Song | Jay Mahaveer
Автор: Sandhya Bhakti Jain Songs
Загружено: 2023-04-30
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इस भक्ति गीत के माध्यम से मनाते है प्रभु का केवलज्ञान कल्याणक
Blessing : Pu. Aa. Yashovarmsuriswarji M.S
Singer : Mallika & Mahek Amit Jain
Music : Manan Shah
Lyrics : Pu. Sa. Vivekmalashreeji M.S
Occation : पू. सा. श्री. विवेकमालाश्रीजी म. सा. के 100वी ओली पारणा निमित्त
लाभार्थी : मातुश्री निर्मलाबेन राजेन्द्रभाई शाह परिवार
ह. रिंकु प्रशांत शाह, मानव आदिश्वर (USA)
केवलज्ञान कल्याणक
(राग : घननन...लगान )
घननन (२) घन घंटा बाजे, हरख (२) मन हरखे आजे. ढमक (२) बजे ढोल नगाडे, देव-देवीया मंगल गावे,
समवसरण में पधारे... समवसरण में पधारे.... प्रभुजी समवसरणमें पधारे...
प्रातिहार्य की शोभा अद्भुत, जिनवर के यश गावे,
स्वर्ण रजत मणि माणेक के गढ, देवो तीन रचाये;
झरमर बरसे पुष्पधारा, सुर रेलाये मंगलकारा;
हटे चार घाति करम, मिला ज्ञान ऐश्वर्यम्;
घडी आई परम, तुं पाप से विरम;
कहेंगे प्रभुजी यहाँ पर दुविध धरम;
देवदुंदुभि नाद कहे, सब समवशरण मे पधारो....
वाणी जल बरसेगा, भविक मन हरसेगा,
चतुर्मुख देशना सुनने आये सुर-नरवर;
अशोकवृक्ष तले, सकल वांछित फले;
परस्पर वैर मीटे पशु पँछी के यहाँ पर;
सकल जीव के तूटे भवबंधन,
विश्वकल्याणी भावो को वंदन;
अनुपम प्रभु वदन, अमीरस भरे नयन,
है तारण तरण, प्रभु के चरण;
मैं बैठे भविजन को मिले शांति परम...
घननन...घननन.....
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