गर्ल्स हॉस्टल में ब्लैक बोर्ड को शायरी क्यों सुनाने जाते थे मजाज़ | Majaz Lakhnawi | Naami Giraami
Автор: Aaj Tak Radio
Загружено: 2021-11-24
Просмотров: 27963
मजाज़ लखनवी वो शायर जिसे ज़िंदगी पसन्द नहीं थी, लेकिन ज़िंदगी को बेहतरीन तरीके से लिखा. कभी मुहब्बत लिखी तो कभी इंक़लाब. किसी ने उसको उर्दू शायरी का कीट्स कहा तो किसी ने उसे इंकलाबी शाइर. लेकिन मजाज़ की शाइरी कभी किसी ख़ास रंग तक नहीं सिमटी. ज़िंदगी की मुश्किलों को लिखा तो मुल्क की ज़रूरत भी गाई. ज़िंदगी की तमाम हक़ीक़त और ज़रूरत को ग़ज़ल ओ नज़्म में पिरोकर दुनिया के नाम कर देने वाले मजाज़ पर सुनिए ‘नामी-गिरामी’ का ये ख़ास एपिसोड, जमशेद क़मर सिद्दीक़ी के साथ.
प्रोड्यूसर- रोहित अनिल त्रिपाठी
साउंड मिक्सिंग- अमृत रेगी
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