योगसार 160 मोक्ष में सुख नही है
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Yogsar 163 सम्यकदर्शन प्राप्त करने के लिए कैसा पुरुषार्थ चाहिए
S s c 335 g 166
०६२२ मैं परिपूर्ण हूँ लेकिन कैसे 🤔⁉️
सारे साँप बिलों से निकल रहे हैं #EP2896 #apkaakhbar #pradeepsinghanalysis
जैसी भवितव्यता होती है, वैसे ही व्यवसाय, बुद्धि और कार्य हो जाते हैं | || Br. Pandit Ravindra Ji ||
योगसार 162 बंध और मोक्ष का स्वरूप
जैनधर्म में बढ़ता आडंबर अंधभक्ति समाज के लिए खतरा है
जिनने किये धरम उनके फूटे करम - क्या कारण है की धर्मी जीवों को पाप का उदय ज्यादा आता है
योगसार 159 ज्ञानी के जीवन में व्रतादिक का पालन कैसे होता है
निमित्त की दृष्टि वाला भगवान तो दूर सम्यकदृष्टि नही बन सकता
क्या आपको भी स्वयं से शिकायत है? | Mangal Pravachan | Muni PramanSagar ji | 24/11/2025
Yogsar 161 गुरुदेव कानजी स्वामी ने हमें क्या दिया
०९३७ वस्तु स्थिति : द्रव्य और पर्याय के प्रदेश भेद है। द्रव्य पर्याय का कर्ता नहीं-स्पर्शता नहीं।
349 संयम प्रकाश कहीं पुण्य के भ्रम में पाप तो नहीं हो रहा🤔🤔🤔Imp 👌
02 कर्म सिद्धांत, मैं कौन हूं, भेद विज्ञान Jain Society of Central Florida USA
योगसार 158 ,ज्ञानी और अज्ञानी के तप में अंतर
#मुनिश्रीविनम्रसागरजी "लकड़ी का लड्डू" 25 NOVEMBER 2025
S s c 334 g 166 भेदज्ञान की कला
गुरु का अर्थ भारी भी होता है किंतु संभालने की क्षमता जिसके अंदर है वह गुरु माना जाता है #samaysagar
आप स्वाध्याय नहीं कर पाते है तो रोज इन पाठों ओर स्त्रोतो को पढ़ सकते हैं उससे आपको लाभ होगा