श्री राम द्वारा बालि वध | रामायण महाएपिसोड | Tilak
Автор: Tilak
Загружено: 2024-10-13
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भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन दो भगवान!
राम के कहने पर सुग्रीव बालि के महल के बाहर जाकर उसे युद्ध के लिये ललकारता है। रानी तारा के मना करने के पर भी बालि सुग्रीव से लड़ने जाता है। राम पेड़ों के झुरमुट से धनुष से निशाना साधते हैं लेकिन पहचान की दुविधा में पड़कर बाण नहीं चलाते। बालि सुग्रीव पर काफी आघात कर उसे भागने पर विवश कर देता है। जामवन्त लेप लगाकर सुग्रीव का उपचार करते हैं। सुग्रीव राम को उलाहना देत है। तब राम उसे बताते हैं कि दोनों भाईयों में काफी समानता होने के कारण वे युद्ध के दौरान बालि और सुग्रीव में भेद नहीं कर पा रहे थे और यदि बाण धोखे से उसे लग जाता तो अनर्थ हो जाता। राम सुग्रीव को अपने हाथ का स्पर्श देते हैं। सुग्रीव की सारी पीड़ा जाती रहती है। राम सुग्रीव को पुनः बालि से लड़ने भेजते हैं किन्तु पहचान के लिये उसे एक पुष्पमाला पहना देते हैं। सुग्रीव फिर से बालि के महल पर जाकर ललकार लगाता है। रानी तारा बालि को रोकते हुए समझाती है कि युद्ध से भागा हुआ सुग्रीव राम से प्रोत्साहन पाकर उन्हें ललकार रहा है। तारा आज का युद्ध टालने के लिये कहती है किन्तु बालि लड़ने जाता है। लड़ाई में बालि एक बार फिर हावी होता है। पेड़ों के पीछे से राम उसपर बाण से आघात करते हैं। बालि घायल होकर गिर पड़ता है। बालि सुग्रीव को कुलद्रोह करने के लिये घिक्कारता है। राम उसके पास जाते हैं। बालि पूछता है कि छिपकर वार करके राम ने कौन सी मर्यादा का पालन किया है? बालि उनका वैरी और सुग्रीव क्यों प्यारा है? बालि कहता है कि राम सुग्रीव की बजाय उसकी मदद लेते तो वो रावण से उनकी सीता वापस लाकर देने की क्षमता रखता था। राम बालि से कहते हैं कि वह आज मरते समय धर्म का बात कह रहा है जबकि जीवन भर वो अधर्म के कार्य करता रहा। उसने छोटे भाई सुग्रीव को राज्य से निष्कासित रखा। सुग्रीव की पत्नी को अपनी पत्नी की भाँति आधीन रखा जबकि छोटे भाई की पत्नी बेटी समान होती है। राम कहते हैं कि इन पापकर्मो के कारण उसे मनुस्मृति के अनुसार मृत्युदण्ड दिया गया है। बालि को अपने अपराधों का बोध होता है। वो राम के चरण पर गिरता है और मोक्ष की कामना करता है।
रामायण एक भारतीय टेलीविजन श्रृंखला है जो इसी नाम के प्राचीन भारतीय संस्कृत महाकाव्य पर आधारित है। यह श्रृंखला मूल रूप से 1987 और 1988 के बीच दूरदर्शन पर प्रसारित हुई थी। इस श्रृंखला के निर्माण, लेखन और निर्देशन का श्रेय श्री रामानंद सागर को जाता है। यह श्रृंखला मुख्य रूप से वाल्मीकि रचित 'रामायण' और तुलसीदास रचित 'रामचरितमानस' पर आधारित है।
इस धारावाहिक को रिकॉर्ड 82 प्रतिशत दर्शकों ने देखा था, जो किसी भी भारतीय टेलीविजन श्रृंखला के लिए एक कीर्तिमान है।
निर्माता और निर्देशक - रामानंद सागर
सहयोगी निर्देशक - आनंद सागर, मोती सागर
कार्यकारी निर्माता - सुभाष सागर, प्रेम सागर
मुख्य तकनीकी सलाहकार - ज्योति सागर
पटकथा और संवाद - रामानंद सागर
संगीत - रविंद्र जैन
शीर्षक गीत - जयदेव
अनुसंधान और अनुकूलन - फनी मजूमदार, विष्णु मेहरोत्रा
संपादक - सुभाष सहगल
कैमरामैन - अजीत नाइक
प्रकाश - राम मडिक्कर
साउंड रिकॉर्डिस्ट - श्रीपाद, ई रुद्र
वीडियो रिकॉर्डिस्ट - शरद मुक्न्नवार
Tilak is home to the greatest Mythological stories and finest devotional musical offerings in the form of Bhajan's, Mantra's and Aarti's. We plan to launch more than 20000+ Clips in the time to come. We are starting with the legendary TV series Ramayan.
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