Ganesh irpachi- बिरसा ब्रिगेड ,विश्व आदिवासी दिवस छत्तीसगढ़ में शेर की दहाड़ जल जंगल जमीन से संसद तक
Автор: Birsa Brigade
Загружено: 2025-08-10
Просмотров: 21241
संयुक्त राष्ट्र ने 9 अगस्त – विश्व आदिवासी दिवस सिर्फ उत्सव और नाच-गाने के लिए घोषित नहीं किया था, बल्कि इसके पीछे एक गंभीर ऐतिहासिक और राजनीतिक उद्देश्य था।
असल कारण:
1982 में संयुक्त राष्ट्र ने “UN Working Group on Indigenous Populations” बनाया, ताकि दुनिया के मूलनिवासी/आदिवासी लोगों की समस्याएं सुनी जा सकें।
1994 में UN ने 9 अगस्त को "International Day of the World’s Indigenous Peoples" घोषित किया, क्योंकि इसी दिन उस Working Group की पहली बैठक हुई थी।
इस दिन का मकसद है आदिवासी अधिकारों, जल-जंगल-ज़मीन, संस्कृति, भाषा और अस्तित्व की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता पैदा करना।
यानि, ये दिन केवल सांस्कृतिक कार्यक्रम या नाच-कूद के लिए नहीं है, बल्कि:
1. अपने अधिकारों की याद दिलाने का दिन
2. सरकारों पर दबाव बनाने का दिन
3. जल, जंगल, ज़मीन की लड़ाई को मजबूत करने का दिन
4. आदिवासी पहचान और अस्तित्व को बचाने का संकल्प
असल में, आदिवासी समाज के पास नाच-गान केवल संस्कृति का एक हिस्सा है, लेकिन इतिहास में हमारी पहचान लड़ाई और प्रतिरोध से बनी है — जल, जंगल, ज़मीन की रक्षा की लड़ाई।
संयुक्त राष्ट्र का 9 अगस्त मनाने का मकसद भी यही था कि दुनिया को यह याद दिलाया जाए कि:
आदिवासी केवल उत्सव मनाने वाली कौम नहीं, बल्कि अपने हक़ के लिए खून-पसीना बहाने वाली कौम है।
हमारी असली लड़ाई संसाधनों पर हक़, भूमि अधिकार, आत्मनिर्णय और अस्तित्व की है।
ये संघर्ष अब सिर्फ स्थानीय या राष्ट्रीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जुड़ा हुआ है।
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: