Golden Temple Amritsar Punjab
Автор: pure gold Mohit #02
Загружено: 2025-07-04
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श्री हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर)
श्री हरमंदिर साहिब, जिसे स्वर्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है, सिखों का सबसे पवित्र गुरुद्वारा है और पंजाब के अमृतसर शहर में स्थित है। यह केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भाईचारे और समानता का प्रतीक भी है।
इतिहास
इस पवित्र स्थल का निर्माण गुरु अर्जन देव जी ने 16वीं शताब्दी में शुरू करवाया था। उन्होंने 1577 में इसकी नींव रखी थी। इसका वास्तुशिल्प सिख वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें मुगल और भारतीय शैलियों का सुंदर मिश्रण देखने को मिलता है। हरमंदिर साहिब का अर्थ है "भगवान का घर"।
मुख्य विशेषताएं
अमृत सरोवर: मंदिर परिसर एक बड़े मानव-निर्मित सरोवर से घिरा हुआ है, जिसे अमृत सरोवर (अमृत का तालाब) कहा जाता है। भक्तों का मानना है कि इस सरोवर में डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
स्वर्ण परत: मंदिर की ऊपरी मंजिलें सोने की पत्तियों से ढकी हुई हैं, जिसके कारण इसे स्वर्ण मंदिर कहा जाता है। यह सोने की परत महाराजा रणजीत सिंह ने 19वीं शताब्दी में चढ़वाई थी।
चार प्रवेश द्वार: मंदिर के चार प्रवेश द्वार हैं, जो इस बात का प्रतीक हैं कि यह सभी धर्मों और पृष्ठभूमियों के लोगों के लिए खुला है।
लंगर: स्वर्ण मंदिर में एक विशाल लंगर (सामुदायिक रसोई) चलता है, जहाँ हर दिन हजारों लोगों को निःशुल्क भोजन परोसा जाता है, चाहे वे किसी भी जाति, धर्म या लिंग के हों। यह समानता और सेवा के सिख सिद्धांत का एक बेहतरीन उदाहरण है।
अकाल तख्त: स्वर्ण मंदिर के ठीक सामने अकाल तख्त स्थित है, जो सिख धर्म की सर्वोच्च लौकिक सीट है और सिख समुदाय के महत्वपूर्ण निर्णयों का केंद्र है।
महत्व
स्वर्ण मंदिर सिखों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जहाँ वे गुरु ग्रंथ साहिब (सिखों का पवित्र ग्रंथ) का पाठ सुनते हैं और प्रार्थना करते हैं। यह स्थान शांति, आध्यात्मिकता और निस्वार्थ सेवा का अनुभव कराता है।
यह मंदिर न केवल सिखों के लिए बल्कि दुनिया भर के पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण है, जो इसकी सुंदरता, शांति और आध्यात्मिक वातावरण को देखने आते हैं
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