Nagpur to jam sawali by road Chamatkari Jamsavli Hanuman Mandir Chhindwara
Автор: Swapnil upadhyay vlogs
Загружено: 2024-08-10
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Nagpur to jam sawali by road Chamatkari Jamsavli Hanuman Mandir Chhindwara चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर जामसांवली सौंसर छिंदवाड़ा
jamsavli ke hanuman
Jam Savli Hanuman Temple
जामसावली हनुमान मन्दिर
Jamsawli Aarti Bigest Sleeping Hanuman
जाम सांवली के चमत्कारी हनुमान
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हनुमान लोक
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nagpur to jam sawali by road
लेटे हुए हनुमान जी की नाभि से निकल रहा है जल असाध्य रोग भी ठीक हो रहे
Hanuman Aarti from Jam Sawli, Madhya Pradesh जामसंवली मंदिर, मध्य प्रदेश
चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर ,जाम सांवली भारत वर्ष के प्राचीन क्षेत्र मध्य प्रान्त में दण्डकारण्य - सतपुडा मैकल पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य जाम नदी एवं सर्पा नदी के संगम स्थल ग्राम सांवली के पीपल वृक्ष की छांव में "स्वयं भू " श्री. हनुमान जी विराजमान हैं , जो नागपुर की उत्तर दिशा में ६६ कि.मी. पर स्थित हैं । जहां पर सड़क मार्ग से सुगमता से पंहुचा जा सकता हैं तथा रेल मार्ग भी सौंसर शहर तक उपलब्ध हैं ।
चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर ,जाम सांवली श्रृदधा और आस्था का केन्द्र हैं , जहां सच्चे मन से आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती हैं । "स्वयं भू " श्री. हनुमान जी लेटी हुई अवस्था में विराजमान हैं । स्वयंभू " श्री. हनुमान जी की मूर्ति कब और किसने स्थापित की हैं , इसका कोई प्रमाण उपलब्ध नही हैं ।
मान्यता के अनुसार स्वयंभू श्री. हनुमान जी स्वयं प्रकट हुए थे । राजस्व अभिलेख में १०० वर्ष पूर्व मंदिर के इतिहास में पीपल के वृक्ष के निचे श्री महावीर हनुमान का उल्लेख मिलता हैं । बुजुर्ग ग्रामीण जनों की आस्था अनुसार स्वयंभू श्री. हनुमान जी की मूर्ति पूर्व में सीधी अवस्था में खड़ी हुई थी , कुछ लोगों के द्वारा मूर्ति के नीचे गुप्त धन छिपा होने के संदेह के कारण मूर्ति को हटाने की कोशिश की तब श्री हनुमान जी की प्रतिमा स्वतः लेट गई और २०-२० घोड़ो और बैलों से खींचने पर भी मूर्ति को हिला नहीं सके ।
पौराणिक कथाओ एवं मान्यताओ के अनुसार रामायण काल में भगवान श्री राम और रावण के युद्ध में मेघनाथ ने जब लक्ष्मण जी को शक्ति बाण से मूर्छित किया तब संजीवनी बूटी से भरा सुमेरु पर्वत हिमालय से लेकर जा रहे थे तब जाम सांवली स्थित पीपल के पेड़ के नीचे विश्राम हेतू रुकने की भी जन कथाएं प्रचलन हैं , एक अन्य कथा भी प्रचलित है कि , महाभारत काल में इसी स्थान पर श्री. हनुमानजी ने भीम का गर्वहरण किया था ।
चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर चमत्कारों के कारण श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र हैं , जहां आने वाले श्रद्धालुओं और भक्तों जनों की हर मनोकामना पूर्ण होती हैं , और असाध्य रोग कैंसर ,लकवा,मानसिक रोगी , प्रेत बाधा से ग्रसित रोगी चमत्कारिक श्री हनुमान जी की कृपा से कुछ ही समय में ठीक हो जाते हैं, ऐसी लोगों की आस्था हैं । ??????
चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर चमत्कारों के कारण श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र हैं , जहां आने वाले श्रद्धालुओं और भक्तों जनों की हर मनोकामना पूर्ण होती हैं , और असाध्य रोग कैंसर ,लकवा,मानसिक रोगी , प्रेत बाधा से ग्रसित रोगी चमत्कारिक श्री हनुमान जी की कृपा से कुछ ही समय में ठीक हो जाते हैं ऐसी लोगों की आस्था हैं । और तरह -तरह की चर्चाएं जन सामान्य में अनुभव की आधार पर प्रचलन में हैं । विशेष रूप से मंदिर में होने वाली आरती का विशेष महत्त्व हैं , आरती मेँ उत्पन्न होने वाली ध्वनि की कारण श्रद्धालुओं को सुख अनुभूति एवं शांति प्राप्त होती हैं । श्री हनुमान जी की पूजन अर्चना शनिवार और मंगलवार का विशेष महत्व हैं और आरती के पश्चात श्री. हनुमान जी के स्पर्श से निकलने वाली प्राकृतिक जल (चरणामृत) का विशेष महत्त्व हैं ।
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