धोंडू बना वैद्य साईं बाबा की कृपा से | साईं पूजा पर द्वारिकानाथ ने उठाए सवाल | Sai Baba Stories
Автор: Tilak Kathayein
Загружено: 2025-12-23
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कृष्णा माई को साई मदद नहीं करते और वहाँ से निकल जाते हैं तो कुलकरनी मौक़ा देख कर उनके घर जाता है और उनके बेटे को दवा देता है ताकि साई को नीचा दिखा सके। कृष्णा माई कुलकरनी से दवा लेने आती है तो कुलकरनी धोंडु को वैद्य बना कर पेश कर देता है तो धोंडु कृष्णा माई की पीठ का दर्द ठीक करने की ठान लेता है। कालू को धोंडु ने दवा दी थी लेकिन उसका कमर का दर्द ठीक नहीं होता है तो वो उसे सबक़ सिखाने के लिए आते हैं। कुलकरनी कालू को दवा देते है और धोंडु को पिटने से बचाते हैं। कृष्णा माई के कमर का दर्द ठीक नहीं कर पता है तो द्वारिकानाथ और कुलकरनी उसका मज़ाक़ उड़ते हैं तो धोंडु कृष्णा माई के डर से साई बाबा के पास जाता है और उनसे मदद माँगता है साई उसे ऊदी देते हैं और कहते हैं की कृष्णा माई और उनके बेटे का इलाज शुरू करो सब ठीक हो जाएगा। साई बाबा की ऊदी लेकर धोंडु कृष्णा माई के घर जाता है और उन्हें ऊदी देता है। कृष्णा माई धोंडु के पास आती है और उसे शुक्रिया करती है क्योंकि उनका कमर का दर्द ठीक हो गया था और मंगेश का लकवा भी ठीक हो गया था। धोंडु कृष्णा माई को बता देता है की यह सब उसकी दवा से नहीं साई की ऊदी से ठीक हुई है क्योंकि वो दवा नहीं साई की ऊदी थी। कृष्णा माई अपने साथ मंगेश को लेकर साई के पास जाती है और साई को शुक्रिया करती है साई बाबा मंगेश को देख कर क्रोधित हो जाते है और उसे अपने पास से भगा देते हैं।
साई पूजा करने की बात पर द्वारिकानाथ और कुलकरनी महालसापति को साई पूजा करने से मना करते हैं और कहते हैं की तुम्हारे साई पूजन से हुमरि भावनाओं को ठेस पहुँच रही है। श्रवण साई के पास आता है और उन्हें बताता है की महालसापति के लोगों से हुए झगड़े के बारे में बताता है। द्वारिकानाथ की बात से साई भक्त दुःखी थे। राधा बाई उन्हें बताती है की साधु संतों की लोग आलोचना करते रहते हैं। राधा बाई उन्हें स्वामी जी कथा सुनती है जिसमें उनके साथ भी ऐसा ही हुआ था। एक दिन चिंतोपन नाम के आदि को स्वामी समर्थ मिलते हैं वो समझ जाता है की वो सिद्ध पुरुष है वो उन्हें अपने घर लेकर आते हैं। चिंतोपन अपने दोस्त को उनके दर्शन का लाभ पाने के लिए अपने मित्र को भी घर बुलाता है। स्वामी जी बाहर ज़मीन पर लेते थे यह देख कर चिंतोपन का दोस्त उन्हें बुरा भला कहता है की वो अशुद्ध है वो कोई पाखंडी है तो चिंतोपन। अपने मित्र की बात सुनकर वो स्वामी जी की थाली दूर लगा देता है और स्वामी जी को भोजन के लिए बुलाने जाता है तो स्वामी जी वहाँ से चलने लगते हैं और उसे उसके मित्र की सारी बात दोहराते हैं। चिंतोपन स्वामी जी से क्षमा माँगता है। नानावली द्वारिकानाथ को सबक़ सिखाने के लिए हनुमान जी बन कर आता है। कुलकरनी के हाथों द्वारिकानाथ को पिटवाता है।
Dr. Ramanand Sagar ventured to recreate the life and times of the universally revered saint, Sai Baba, with his characteristic zeal and devotion. The narrative artistry, has the added advantage of the support of extensive research material gathered from volumes of eye-witness accounts Sai Baba’s life story. His countless devotees in India and all over the world, therefore, look up to him as a guru, a saint, a savior and an incarnation of that supreme power which manifests itself in human form when the hour of need arrives to redeem mankind from mortal sins. While popular legend invariably revolves around alleged persons and events with or without a determinable basis of fact, the story or legend of Sai Baba has the basis of fact and collective belief inspired by his divine powers, witnessed by men and women who shared those wonderful experiences.
Music And Lyrics - Ravinder Jain
Associate Director - Mayur Vaishnav, Madan Sinha
Co-Producer - Subhash Sagar, Prem Sagar, Jyoti Sagar
Co-Director - Anand Sagar, Moti Sagar
Writer - Ramanand Sagar
Producer - Ramanand Sagar
Director - Ramanand Sagar
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