9 जून सोमवार, ज्येष्ठ मास की चतुर्दशी का हिन्दू पंचांग में विशेष धार्मिक महत्व होता है!!!
Автор: UPASANA YADAV MAINPURI
Загружено: 2025-06-08
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सोमवार, ज्येष्ठ मास की चतुर्दशी का हिन्दू पंचांग में विशेष धार्मिक महत्व होता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए उत्तम माना जाता है, क्योंकि सोमवार स्वयं शिवजी को समर्पित दिन है, और जब यह चतुर्दशी तिथि के साथ संयोग करे, तो उसका पुण्य फल और भी अधिक बढ़ जाता है
📜 विवरण: सोमवार, ज्येष्ठ मास की चतुर्दशी
🔹 तिथि: चतुर्दशी (कृष्ण पक्ष या शुक्ल पक्ष – यह देखना आवश्यक है)
🔹 मास: ज्येष्ठ
🔹 वार: सोमवार
🔹 प्रमुख देवता: भगवान शिव
🔹 प्रमुख अनुष्ठान: शिव अभिषेक, व्रत, रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जाप
🕉️ धार्मिक महत्व:
1. शिव आराधना का विशेष संयोग:
इस दिन चतुर्दशी तिथि और सोमवार का मिलन होता है, जो शिव भक्ति में अद्वितीय माना जाता है। चतुर्दशी तिथि का सम्बन्ध वैसे भी भगवान शिव से है, और सोमवार तो उनका प्रिय वार है। अतः इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना अत्यंत फलदायी माना गया है।
2. पापों का क्षय:
शिव पुराण में वर्णित है कि चतुर्दशी को सोमवार पड़ने पर शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, शहद आदि चढ़ाने से पुराने जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं।
3. संतान सुख और आरोग्य की कामना:
जो दंपत्ति संतान की कामना रखते हैं, वे इस दिन शिव-पार्वती की पूजा करें तो उनके लिए विशेष फलदायक होता है। साथ ही, रोग-निवारण के लिए महामृत्युंजय जाप विशेष रूप से किया जाता है।
4. व्रत-धारण:
कई श्रद्धालु इस दिन सोमवार व्रत या प्रदोष व्रत (यदि चतुर्दशी प्रदोष काल में हो) भी रखते हैं। यह व्रत शिव कृपा प्राप्त करने और मनोकामना पूर्ति हेतु किया जाता है।
🕯️ पूजा विधि (संक्षेप में):
1. प्रातः स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें
2. शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें – दूध, दही, घी, शहद, शक्कर
3. बिल्व पत्र, धतूरा, आक, फल-फूल चढ़ाएं
4. ॐ नमः शिवाय या महामृत्युंजय मंत्र का जप करें

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