swaibhoj mandir aasind ll सवाई भोज मन्दिर आसींद// swaibhoj me modi ji
Автор: vlogger king sunil
Загружено: 2022-09-03
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नमस्कार दोस्तों 🙏🙏
इस विडियो में हम आपको लेकर चलते हैं , गुर्जर समाज के अराध्य देव श्री "देवनारायण भगवान" के धाम आसींद यात्रा पर !
इस विडियो में हम आपको सवाई भोज मन्दिर के दर्शन ही कराएंगे! मालासेरी डूंगरी , वे माता, बंकिया रानी माताजी , देवनारायण मंदिर ,और सभी आसींद की धरती पर विराजमान देव/देवी के दर्शन आगे आने वाली विडियो में करवाएंगे ।
विडियो पसंद आने पर विडियो को लाइक एवम् हमारे चैनल vlogger king sunil को सस्क्राइब जरूर कर लेवे 🙏
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सवाईभोज अथवा रावतभोज अथवा राजाभोज बगड़ावत गुर्जर राजवंश के सबसे प्रतापी वीर राजा थे । यह विष्णु के अवतार भगवान देवनारायण जी के पिताजी ही थे । बगड़ावत भाई अजमेर के चौहान राजवंश के ही राजकुमार थे। सवाई भोज के 24 भाई अलग-अलग रियासतों पर राज कर रहे थे पाटन पर तेजारावत राज्य कर रहे थे नेगड़िया पर बगड़ावत वीर नेवाजी रावत राज्य कर रहे थे 320 गढ़ की रियासत सवाई भोज के पास थी।
आसींद पर आशा जी बगड़ावत राज्य कर रहे थे और बदनोर पर इनके पिता बाघ रावत चौहान जी राज्य कर रहे थे ।राणी जयमती (जैमति) को लेकर राण के राजा दुर्जनसाल से बगड़ावतों का युद्ध हुआ। युद्ध से पूर्व बगडावतों तथा दुर्जनसाल की मित्रता थी तथा वे धर्म के भाई थे। ये युद्ध खारी नदी के किनारे हुआ था। बगड़ावतों ने अपना वचन रखते हुए राणी जैमति को अपने सिर दान में दिये थे। बगड़ावतों के वीरगति प्राप्त होने के बाद देवनारायण का अवतार हुआ तथा उन्होंने राजा दुर्जनसाल का वध किया।महाराज सवाई भोज को भगवान शिव जी द्वारा राजगद्दी प्राप्त हुई थी इनके गुरुजी का नाम बाबा रूपनाथ जी थ राजा बागरावत चौहान के पुत्र होने के कारण यह इतिहास में बगड़ावत नाम से प्रसिद्ध हुए बगड़ावत 24 भाई थे इनकी की राजधानी अजमेर के निकट बदनोर गोठा थी सवाई भोज महाराज ने कहीं बावड़ीया और मंदिर बनाए थे इनका विवाह उज्जैन के गुर्जर राजा दुदा जी खटाना की पुत्री साडू खटानी से हुआ था उनके पास भगवान इंद्र देव की घोड़ी बावली भगवान शिव द्वारा दी गई थी इनके पास धन खजाने की कोई कमी नहीं थी बगड़ावतों ने अनेक गरीब लोगों को गरीब से धनवान बनाया था इनके राज्य में प्रजा बहुत सुखी थी बगड़ावत भाइयों का यश पूरे मारवाड़ मालवा और उत्तर प्रदेश तक फेल गया था उस बगड़ावत काल में किसी भी मुस्लिम आक्रमणकारियों ने भारत पर नजर उठाकर भी ना देखा क्षत्रिय गुर्जर वंश में जन्म में श्री सवाई भोज महाराज बड़े ही वीर और बलवान राजा थे पुष्कर इन का तीर्थ स्थल माना जाता था जहां बगड़ावत वीरों ने शिव मंदिर की स्थापना की थी 24 भाई बगडावत बगड़ावत भारत नामक युद्ध में अपने वचन रखते हुए मां चामुंडा को अपना सिर दान में देते हुए वीरगति को प्राप्त हुए l
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