चींटी और घमंडी हाथी( बचपन की कविता)
Автор: MAGIC BALVATIKA
Загружено: 2025-11-27
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"चींटी और घमंडी हाथी"
एक घमंडी हाथी निकला सूंड हिलाकर मस्ती में,
बेफिक्री में पैर रख दिया, चींटी जी की बस्ती में।
चींटी जी गुस्से में बोली-हाथी, थोड़ा करो खयाल !
अपने पर मैं भी आई तो कर दूंगी तुमको बेहाल
इत्ती सी चींटी क्या कर लेगी, सोचकर हाथी मुस्काया
सूंड में घुस कर काट-काट कर
हाथी को उसने मज़ा चखाया।
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