श्री नारद बाबा,गंडकी तट, अर्देवा,सारण के बारे में चर्चा करते हुए श्री पंकज बाबा
Автор: AMAR NATH PRASAD
Загружено: 2025-04-05
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सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद् दु:खभाग् भवेत् ॥" -
(शांति मंत्र, बृहदारण्यक उपनिषद, 1.4.14)
बृहदारण्यक उपनिषद का यह मंत्र केवल एक प्रार्थना नहीं, बल्कि सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों का सार है। यह सभी प्राणियों के कल्याण और सुख की कामना करता है। और जब यह कामना किसी के जीवन में साकार रूप लेती है, तो वह व्यक्ति संत कहलाता है। ऐसे ही एक संत हैं सारण के श्री नारद बाबा, जिनका जीवन इस मंत्र का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
23 मार्च 2025, रविवार का दिन मेरे लिए एक विशेष अनुभव लेकर आया। मैं अपनी टीम के साथ "सारण के संत" पुस्तक के लिए सामग्री जुटाने के क्रम में श्री नारद बाबा के आश्रम पहुँचा। उनके बारे में मैंने बहुत सुना था, लेकिन आज उन्हें साक्षात देखकर मेरी श्रद्धा और भी बढ़ गई। वे सचमुच में एक महान संत हैं, जिनकी सादगी और सेवा भाव मन को मोह लेता है।
उनका आश्रम तरैयां प्रखंड से लगभग 8-10 किलोमीटर दूर, पवित्र नारायणी/गंडकी नदी के तट पर स्थित है। शहर की भागदौड़ और शोरगुल से दूर, यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। यहाँ का शांत वातावरण मन को एक अद्भुत शांति प्रदान करता है, जैसे कोई आध्यात्मिक ऊर्जा चारों ओर फैली हो। आश्रम में प्रवेश करते ही एक अलग ही अनुभूति होती है। श्री नारद बाबा का जीवन सादगी और सेवा का अद्भुत संगम है। वे दिन में कई बार हजारों कौओं, कुत्तों और चिड़ियों को भोजन कराते हैं। यह उनकी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा है। वे सनातन धर्म के नियमों का पूरी निष्ठा से पालन करते हैं और सभी जीवों के प्रति दया भाव रखते हैं। उनकी सेवा में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं है। वे सभी को समान दृष्टि से देखते हैं और बिना किसी स्वार्थ के उनकी सेवा करते हैं।
बाबा का सेवा धर्म अद्वितीय है। वे अपने कार्यों का श्रेय कभी नहीं लेते, बल्कि इसे ईश्वर की इच्छा मानते हैं। उनका जीवन हमें सिखाता है कि सच्ची सेवा वही है जो निस्वार्थ भाव से की जाए। वे हमें यह भी सिखाते हैं कि हमें सभी जीवों के प्रति दयालु होना चाहिए और उनकी सेवा करनी चाहिए।
श्री नारद बाबा का जीवन हमें याद दिलाता है कि हम सभी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। हम सभी एक ही ईश्वर की संतान हैं और हमें एक दूसरे की सेवा करनी चाहिए। उनका जीवन एक प्रेरणा है, जो हमें बेहतर इंसान बनने और एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए प्रेरित करता है।
उनके आश्रम में बिताए गए कुछ घंटे मेरे लिए अविस्मरणीय थे। मैंने उनके जीवन से बहुत कुछ सीखा और महसूस किया कि सच्ची शांति और खुशी सेवा और सादगी में ही निहित है। श्री नारद बाबा जैसे संत आज के समय में दुर्लभ हैं, और उनका जीवन हम सभी के लिए एक अनमोल उदाहरण है।
अत्यंत आदर और सम्मान के साथ
प्रोफेसर अमरनाथप्रसाद,
अंग्रेजी विभागाध्यक्ष ,
जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा
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