गोलू देवता मंदिर घोड़ाखाल Golu Devta Mandir Ghorakha
Автор: Nature Premi UK02
Загружено: 2023-02-21
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गोलू देवता मंदिर घोड़ाखाल Golu Devta Mandir Ghorakha
गोलू देवता के मंदिर के लिए कहा जाता है कि यहां अगर किसी को कुछ मन्नत मांगनी है । तो उसको एक चिट्टी लिख कर इस मंदिर में बांध देना होगा जिस से उसकी मन्नत पूरी हो जाएगी । क्योंकि गोलू देवता को न्याय का देवता कहा जाता है । अगर किसी को कोई भी । दिक्कत परेसानी या शिकायत हो तो बस यहां पर चिट्टी लिख कर बांध दो आपकी मनोकामना पूर्ण हो जाएगी ।इस मसाण ने राजा नागनाथ के राज्य में आतंक मचाया हुवा था। रोज किसी न किसी को पकड़ कर खा जाता था। प्रजा त्राहिमाम -त्राहिमाम करने लगी । राजा से न्याय के लिए प्रार्थना करने लगी। राजा बृद्ध होने के कारण जटिया मसान का मान मर्दन करने में असमर्थ थे। मंत्रियों ने राजा को सुझाव दिया कि , इस भयानक आतंकी मसाण का मान मर्दन केवल धुमाकोट के राजा गोरिया कर सकते हैं। मंत्रियों की सलाह पर राजा नागनाथ ने धुमाकोट के लोक कल्याणकारी राजा गोरिया को आमंत्रित किया। एक राजदूत को पत्र के साथ आमंत्रण के लिए धुमाकोट भेजा गया। धुमाकोट के राजा गोरिया ने चंपावत की प्रजा का दुःख का सज्ञान लेते हुए, तुरंत इस आमंत्रण को स्वीकार कर लिया।
माता कालिका का आशीर्वाद लेकर गोरिया धुमाकोट से चंपावत के लिए चले गए। गोरिया पिथौरागढ़, रामेश्वर होते हुए, लोहाघाट में गुरु गोरखनाथ जी के आश्रम में पहुच गए। इन सभी स्थानों में गोलू देवता का खूब स्वागत सत्कार हुवा । इन रास्तों से होते हुए वे अंत मे चंपावत में पहुच गए। चंपावत में राजा नागनाथ और पीड़ित जनता ने उनका भव्य स्वागत किया। अब जनता को भरोसा हो गया था कि उनके दुःखों का अंत करने वाला तारणहार आ गए हैं।
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