शिवपुराण | रुद्र संहिता – कुमार खंड | अध्याय 50 शिवकुमार द्वारा धर्म, भक्ति और सदाचार का दिव्य उपदेश
Автор: Leelawati Vanee
Загружено: 2025-12-13
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🌼 लीलावती जी की आध्यात्मिक वाणी में आपका हार्दिक स्वागत है!
इस पवित्र वीडियो में सुनिए — शिवपुराण रुद्र संहिता – कुमार खंड | अध्याय 50 का सरल और भक्तिमय पाठ।
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✨ अध्याय 50 का सारांश:
अध्याय 50 में भगवान कार्तिकेय देवताओं और ऋषियों को धर्म का गहन स्वरूप समझाते हैं।
यह अध्याय जीवन, कर्तव्य, सदाचार और भक्ति के वास्तविक अर्थ को उजागर करता है।
भगवान कार्तिकेय बताते हैं कि सच्चा धर्म अहिंसा, सत्य, क्षमा, दया, पवित्रता और श्रद्धा पर आधारित है।
वे कहते हैं कि मनुष्य का जीवन तभी सफल होता है, जब वह सदाचार, संयम, गुरु-भक्ति और परमेश्वर-स्मरण को अपनाए।
वे यह भी बताते हैं कि अधर्म की जड़ अज्ञान है, और ज्ञान का प्रकाश ही जीव को मोक्ष-मार्ग पर ले जाता है।
देवता उनसे धर्म और समाज-कल्याण के विषय में प्रश्न पूछते हैं, जिनका शिवकुमार अत्यंत सहज और दिव्य भाषा में उत्तर देते हैं।
अध्याय का मुख्य संदेश है—
👉 “भक्ति और सदाचार से युक्त जीवन ही देवी-देवताओं का प्रिय होता है।”
यह अध्याय मनुष्य को अपने आचरण, विचार और कर्मों को पवित्र बनाने की प्रेरणा देता है।
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🌼 लीलावती जी शिवपुराण और अन्य पवित्र ग्रंथों का पाठ कर भक्ति-पथ पर आगे बढ़ रही हैं। कृपया उनके इस आध्यात्मिक प्रयास में प्रेम और आशीर्वाद दें।
🔔 प्रतिदिन नए अध्याय — ज्ञान, शांति और भक्ति की ओर।
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