LIVE : NARYAN NARAYAN HARI HARI | श्रीमन नारायण नारायण हरी हरी | HARI DHUN 2025 |
Автор: H R Records
Загружено: 2025-12-20
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LIVE : NARYAN NARAYAN HARI HARI | श्रीमन नारायण नारायण हरी हरी | HARI DHUN 2025 | #bhjan
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श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ।टेक।
लक्ष्मीनारायण नारायण नारायण नारायण
बद्रीनारायण नारायण नारायण नारायण
मुक्तिनारायण नारायण नारायण नारायण
सत्यनारायण नारायण नारायण नारायण
गोदानारायण नारायण नारायण नारायण
वेंकटनारायण नारायण नारायण नारायण
श्रीविष्णुपुराण भागवत गीता (स्वमी),
वाल्मीकिजीकी रामायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
चारिहूँ वेद पुराण अष्टादश,
वेदव्यासजी की पारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
शिवसनकादिक अरु ब्रह्मादिक,
सुमिर सुमिर भए पारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
श्यामल गात पीताम्बर सोहे,
विप्र चरण उर धारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
नारायण के चरणकमल पर,
कोटिकाम छविवाराण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
शंख चक्र गदा पद्म विराजै,
गलकौस्तुभमणि धारायण।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
खम्ब फाड हिरणाकुश मार्यो,
भक्त प्रह्लाद उबारायण।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
कश्यप ऋषि से वामन होके,
दण्डकमण्डलु धारायण।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
बलि से याच तीन पद पृथ्वी,
रूप त्रिविक्रम धारायण।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
गज और ग्राह लडे जल भीतर,
लडत लडत गज हारायण।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
जौ भर सूँड रह्यो जल बाहिर,
तब हरिनाम उच्चारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
गज की टेर सुनी रघुनन्दन,
आप पधारे हरि नारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
जल डूबत गजराज उबारे,
चक्र सुदर्शन धारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
सरयू के तीरे अयोध्या नगरी,
श्रीरामचन्द्र अवतारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
किरीट मुकुट मकराकृतकुण्डल,
अद्भुत शोभा छवि धारायण।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
सरयू नीरे तीरे तुरंग नचावे,
धनुषवाण कर धारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
कोमल गात पीताम्बर सोहे,
उर वैजयन्ती धारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
बक्सर जाय तडका मारे,
मनिके यज्ञ किये पारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
स्पर्शत शीला भई सुन्दर,
वैठ विमान भई पारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
जाय जनकपुर धनुष उठायो,
राजाजनक प्रण सारायण।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
जनक स्वयम्बर पावन कीन्ही,
वरमाला हरिधारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
सीता व्याह राम घर आवे,
घर घर मंगलचारायण।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
माता पिता की आज्ञा पाई,
चित्रकुट पगधारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
दण्डकवन प्रभु पावन कीन्हो,
ऋषि मुनि त्रास मिटारायण।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
सागर उपर शीला तराई,
कपिदल पार उतारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
रावण के दशमस्तक छेदे,
राज विभीषण पारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
रामरूप होय रावण मार्यो,
भक्त विभीषण तारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
यमुनाके नीरे तीरे मथुरानगरी,
श्रीकृष्णचन्द्र अवतारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
मथुरा में हरि जन्म लियो है,
गोकुल में पग धारायण।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
बालपन्मे हरि पूतना मारी,
जननी की गति पारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
बालपन्मे हरि मटिया खाई,
तीनलोक दर्शारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
माता यशोदा ओखलमे बाँधे,
यमलार्जुन तारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
मोर मुकुट पीताम्बर सोहे,
कानन कुण्डल धारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
यमुना के नीरे तीरे धेनु चरावे,
मुखपर मुरली धारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
पैर पाताल कालियनाग नाच्यो,
फणफण निरत करारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
वृन्दावन में रास रच्यो है,
सहस्र गोपी एक नारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
इन्द्र कोप कियो व्रज उपर,
वरसरत मुसल धारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
डुबत व्रज राख लियो है,
नखवर गिरिवर धारायण।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
माता पिता की बन्दी छुडाई,
मामा कंसको उध्धारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
कृष्णरूप होय कंस पछाड्यो,
उग्रसेन कुल तारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
उग्रसेनको राज तिलक दियो,
द्वार बेत कर धारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
द्रुपद सुताको चीर बढायो,
दुष्ट दुशासन हारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
दुर्योधन की मेवा त्यागो,
साग विदुर घर पारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
शबरीके बेर सुदामा के तण्डुल,
रुचिरुचि भोग लगारायण ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
अजामिल सुत हेतु पुकारे,
नाम लेत अघतारायण।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ॥
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