क्या आप तैयार हैं? प्रभु के आगमन और पुनरुत्थान के लिए | 1 Cor 15 | Pr. Saji Punnoose | Hindi Sermon
Автор: Navjeevan Sangati Mustafabad Church
Загружено: 2025-09-25
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मसीह जी उठा – हमारी आशा जीवित है
कुरिन्थ का परिचय
कुरिन्थ ग्रीस का समुद्री किनारे पर बसा एक धनी और व्यापारिक शहर था। यहाँ विभिन्न संस्कृतियाँ थीं और अनैतिकता (immorality) बहुत फैली हुई थी।
(प्रेरितों के काम 18:1-4)
पौलुस की सेवकाई
पौलुस ने कुरिन्थ में डेढ़ साल तक रहकर प्रभु यीशु मसीह का सुसमाचार प्रचार किया और कलीसिया की नींव रखी।
(प्रेरितों के काम 18:9-11)
कलीसिया की चुनौतियाँ
बाद में कुरिन्थ की कलीसिया में विभाजन (मैं पौलुस का हूँ, मैं अपुल्लोस का हूँ…), अनैतिक जीवन और विश्वास की कमजोरी आ गई।
(1 कुरिन्थियों 1:11-13; 5:1; 15:12)
मसीह का पुनरुत्थान – विश्वास की नींव
पौलुस स्पष्ट करता है कि यदि मसीह जी उठा नहीं, तो हमारा विश्वास और प्रचार दोनों व्यर्थ हैं। लेकिन सचमुच मसीह जी उठा है, और इसी से हमें आशा है।
(1 कुरिन्थियों 15:14, 20)
नाशवान शरीर का रूपांतरण
नाशमान शरीर (मांस और लहू) परमेश्वर के राज्य में नहीं जा सकता। अंतिम तुरही बजते ही मृतक अविनाशी शरीर में जी उठेंगे और जीवितों का शरीर बदल जाएगा।
(1 कुरिन्थियों 15:50-53; 1 थिस्सलोनिकियों 4:16-17)
मृत्यु पर विजय
“हे मृत्यु तेरा डंक कहाँ है?” — यीशु ने क्रूस पर पाप और मृत्यु का डंक तोड़ दिया। अब मृत्यु विश्वासी को नाश की ओर नहीं, जीवन की ओर ले जाती है।
(1 कुरिन्थियों 15:54-57; इब्रानियों 2:14-15)
आत्मा के अनुसार जीवन
देह की इच्छाओं पर चलने से आत्मिक मृत्यु मिलती है। आत्मा के अनुसार चलना ही जीवन और परमेश्वर की संतान होने का चिन्ह है।
(रोमियों 8:12-14; गलातियों 5:19-21)
अंतिम न्याय और अनंतकाल
मनुष्य एक बार मरता है और उसके बाद न्याय का सामना करता है। धर्मियों को अनंत जीवन मिलेगा, और अधर्मियों को अनंत दंड।
(इब्रानियों 9:27; मत्ती 25:31-46)
व्यक्तिगत निर्णय
मसीह का अनुसरण करना किसी पर थोपा नहीं जा सकता। यह हर व्यक्ति का व्यक्तिगत, स्वेच्छा से लिया गया निर्णय है। जो यीशु पर विश्वास करते हैं, वे धन्य हैं और अनंत जीवन के वारिस हैं।
(योहन 14:2-3; मरकुस 16:16)
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