CHETAK | चेतक | JAGIRDAR RV | MR. MAXX
Автор: JAGIRDAR RV OFFICIAL
Загружено: 2024-12-29
Просмотров: 613945
Title - CHETAK
Singer - Jagirdar RV & MR. Maxx
Lyrics - JAGIRDAR RV
Music ,Mix& Master - Mr. Maxx
Illustration - Piyush Khadke
video &Poster - NPS DESIGN
Voice over - Aashish jhala
Producer - Folknexus Studio
Special Thanks - Rapperiya Baalam
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Lyrics
लाखा हूँ लड़ ज्यावे कुछ,वीर कद मौत हूँ डरे
आ भारत की धरती हैं साब अठे वीरा का घोड़ा भी वीरा हूँ बढ़ र लड़े
लाखो से लड़ जाते हैं चंद
वीर कहाँ मृत्यु से डरते हैं
ये भारत की धरा हैं सहाब
यहाँ वीरो के घोड़े भी वीरो से बढ़कर लड़ते हैं
तेरी टप टप टाप से रण हाले
चेतक चढ़ गज शत्रु काटे
कदी हवा होड़ में उतरे ना
बिजली सू तेज चेतक चाले
देख घाव तेरा हर ठोर ठोर चेतक तेरो राणा रोवे हें
मैं मरू या मारू होश नहीं राणा तेरो आपा खोवे हैं
cros
पर मेवाड़ लिए जीनों पड़सी जीने में चाहे सार नहीं
hook
चेतक प्यारे म्हन माफ़ करी जो सांस आख़िरी साथ नहीं
राणा प्रताप पे कर्ज तेरो उतरे कदी शीश से भार नहीं
para 1
अपराध क्षमा कर दूँगा मैं ,अपमान क्षमा मैं करूँ नहीं
चाहे कष्ट में कट जाये जीवन ,अहंकार क्षमा मैं करूँ नहीं
जो विष वाणी पे लोह ना आए आँखों में ,धिक्कार है मुझपे
क्या उपयोगी साँसे वो जो किसी शत्रु की उधार हे मुझपे
एक शब्द अंगुली उठे आन में क्रोध की अग्नि नहा लूँगा
चाहे स्वयं का हो या शत्रु का, पर रण को रक्त बहा दूँगा
Prehook
अब शांत ना होना ये भाला हो जब तक शत्रु पार नहीं
Hook
चेतक प्यारे म्हन माफ़ करी जो सांस आख़िरी साथ नहीं
राणा प्रताप पे कर्ज तेरो उतरे कदी शीश से भार नही
Dialogue
भभर तबर भरा रण की डगर चला
युद्ध में जबर लड़ा रण में निडर चला
मृत्यु मगर खड़ा रण में मगर डटा
राणा को साथ ले वो मुग़ल की कब्र बना
अमर रहेगी सदा चेतक की वीरता
बिजली सा तेज वो तूफ़ानों को चीरता
क्षण में वो छाती पे ,दुश्मन भी चीखता
रंचक ना रुकता वो चाहे लहू में भीगता
घोड़ा वो शेर था ,करता बेरी को ढेर था
करता बैरी क़त्ल ,वो करता ना कभी देर था
हाथी की सूँड़ पहने लड़ता दिलेर था
छूटा ना शौर्य टूटा चाहे फिर पैर था
था शौर्य जड़ा , चेतक चेतक
हर सांस लड़ा,चेतक चेतक
भारत की धरा,चेतक चेतक
था त्याग भरा,चेतक चेतक
था रण में खड़ा,चेतक चेतक
लगे गज से बड़ा,चेतक चेतक
मृत्यु की घटा,चेतक चेतक
भारत पे मिटा,चेतक चेतक
verse 1
तेरो त्याग गवाह हल्दीघाटी
तेरो शौर्य साक्ष्य रण की माटी
चेतक सवार हो राणा जो
एक क्षण काटू मैं मण छाती
हर कदम कदम अंगारे थे
बरछी कटार और भाले थे
तू पल में लाँग गया खाई
लगती नदिया ज्यूँ नाले थे
Pre hook
सुनो लागे मेवाड़ महने तुझ बिन ज्यूँ पड़नी पार नहीं
Hook
चेतक प्यारे म्हन माफ़ करी जो सांस आख़िरी साथ नहीं
राणा प्रताप पे कर्ज तेरो उतरे कदी शीश से भार नहीं
चेतक प्यारे म्हन माफ़ करी जो सांस आख़िरी साथ नहीं
राणा प्रताप पे कर्ज तेरो उतरे कदी शीश से भार नहीं
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