Decode Exclusive: IndiGo संकट पर सरकार की चेतावनी! | Sudhir Chaudhary | K. Ram Mohan Naidu Interview
Автор: DD News
Загружено: 2025-12-08
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आज के विश्लेषण की शुरुआत Economics के एक वाक्य से करते हैं, जिसका इस्तेमाल monopoly की बुराइयों को समझाने के लिए किया जाता है। "When one company controls the market, consumers pay the price." यानी जब किसी एक कंपनी पूरे बाज़ार पर एकाधिकार होता है, तो इसकी कीमत उपभोक्ताओं को चुकानी पड़ती है। पिछले 7 दिनों में भारत के Aviation Sector में कुछ ऐसा ही हो रहा है। इसकी वजह IndiGo और उसका 64% Market Share है। 2 दिसंबर से अब तक करीब 14 लाख हवाई यात्रियों के टिकट Cancel हुए या उन्हें एयरपोर्ट पर कई घंटे इंतजार करना पड़ा। हजारों लोगों ने एयरपोर्ट पर 24 घंटे से ज्यादा समय तक बैठे रहकर परेशानियां झेली। ऐसे में 2 सवाल उठ रहे हैं. पहला - अगर IndiGo के पास 64% Market Share की monopoly न होती, तो क्या ऐसे हालात पैदा होते? दूसरा - क्या IndiGo ने जानबूझकर ये संकट खड़ा किया? हम ये सवाल इसीलिए पूछ रहे हैं क्योंकि जिन नियमों की वजह से IndiGo का संकट खड़ा हुआ, उन नियमों को लागू करने की कोशिश पिछले साल जून से की जा रही थी। पायलटों को थकान से बचाने और यात्रियों की सुरक्षा के लिए नए नियमों को लागू करना जरुरी था। इसके बावजूद, एयरलाइंस कंपनियों की मांग पर इस नियम को बार-बार टाला गया। लेकिन इस साल 1 जुलाई और 1 नवंबर को इन नियमों को दो चरणों में लागू कर दिया गया। अब बड़ा सवाल ये है—जब IndiGo को पता था कि नए नियमों का सबसे ज्यादा असर उसी पर पड़ेगा, तो उसने पिछले एक साल में तैयारी क्यों नहीं की? IndiGo का दावा है कि उसकी हर रोज करीब 2,200 उड़ानें हैं और उसके पास करीब 5, हज़ार 456 Pilots हैं, जिसमें Captains और First Officers शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नए नियमों की वजह से IndiGo को करीब 149 Pilots की कमी हो गई। यानी IndiGo के कुल Pilots और नए नियमों के बाद जरुरी Pilots की संख्या को देखें तो सिर्फ 2.72 पर्सेंट Pilots की कमी थी। तो सिर्फ 3 पर्सेंट से भी कम Pilots की कमी से इतना बड़ा संकट कैसे खड़ा हो गया? क्या IndiGo ने जानबूझकर हालात बिगड़ने दिए ताकि Pilots को ज्यादा आराम देने वाले नियमों को लागू होने से रोका जा सके? IndiGo Airlines वर्ष 2006 में शुरू हुई, वर्ष 2013 में उसके पास 28 पर्सेंट Market Share था और अब 64 पर्सेंट से ज्यादा Market Share है। IndiGo की ये monopoly ही आज भारत के Aviation Industry में सबसे बड़ी चिंता है। कहते हैं, नाम बनाने में वर्षों लग जाते हैं और बदनाम होने में बस कुछ पल। IndiGo संकट को अब तक 150 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं। IndiGo लगातार माफी मांग रही है, लेकिन उसे जो नुकसान होना था, वो हो चुका है। पिछले एक हफ्ते में IndiGo का शेयर 16 पर्सेंट यानी करीब 900 रुपये गिर चुका है। आज इसके शेयर में बड़ी गिरावट आई और ये लगभग 9 पर्सेंट टूट गया। इसकी बड़ी वजह है अमेरिका की credit rating एजेंसी Moody's की ओर से दी गई कड़ी चेतावनी। Moody's के मुताबिक Flights cancellation, refunds और यात्रियों को हुई दिक्कतों की वजह से IndiGo को बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है। IndiGo पर DGCA penalty भी लगा सकता है। ये पूरा संकट IndiGo की छवि के लिए negative है। सबसे बड़ी बात है कि Moody's ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि IndiGo ने Pilots और Crew Members की hiring में देरी की है। इसी वजह से IndiGo की Human Capital Category की रेटिंग 3 से घटाकर 4 कर दी गई है। Human Capital Category का मतलब होता है— किसी संस्थान में काम करने वाले लोगों का Knowledge, अनुभव और काबिलियत। सामान्य तौर पर, जब किसी कंपनी की रेटिंग किसी Category में घटती है, तो भविष्य में बड़े निवेशक उस पर भरोसा कम करते हैं। या फिर कंपनी को कर्ज मिलने में दिक्कत होती है।
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