रंग दे रंग दे रंग दे ओशो रंग में रंग दे
Автор: Ma madhurima
Загружено: 2025-06-01
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25 मार्च 2025, सुबह
स्वर्गाश्रम बुद्धा हॉल में
होली कीर्तन उत्सव , राजपिपला, गुजरात
गायक : मां मधुरिमा, स्वामी प्रेम विसर्जन और गायक वृंद ( दिया,राधा,अनुराधा)
हारमोनियम: स्वामी प्रेम विसर्जन
तबला: चंद्रकांत ओरी गांव से
यह गीत मूल रूप से मां देवा प्रेमल ने गाया हुआ है । हमने होली के दिन कीर्तन में इसे बाबा के चरणों में गा कर उत्सव मनाया है।
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