Shri Damodarashtak ll Shri Sridam Kinkarji Maharaj-1
Автор: Radheradhesewa
Загружено: 2022-10-05
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कार्तिक मास एक पावन मास है, ठाकुर जी की अधिकांश माधुर्य मयि लीलाएं इसी मास में सम्पन्न हुई उनमें दामबन्धन लीला एक दिव्य लीला है। भगवान प्रेम पुरुषार्थ के आगे बन्धन को भी स्वीकार करते हैं, यह उनकी करुणा ही है। दामोदराष्टक में दामबन्धन लीला के ही दिव्य भावों को प्रगट किया गया है। वैश्णव जन कार्तिक मास में नित्य प्रति इसका पाठ करते हैं। आइए श्री गुरुदेव, परम् पूज्य श्री श्रीदाम किंकर जी महाराज, के श्रीमुख से इसके दिव्य भावों का आनंद लेते हैं 🙏
प्रथम श्लोक:
नमामीश्वरं सच्-चिद्-आनन्द-रूपं
लसत्-कुण्डलं गोकुले भ्राजमनम्
यशोदा-भियोलूखलाद् धावमानं
परामृष्टम् अत्यन्ततो द्रुत्य गोप्या ॥ १॥
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