सूरत सँभाल ए काफिला | Kabir Bhajan | Kabir Das Ke Dohe | Kabir Das Bhajan
Автор: kabir Das Bhajan
Загружено: 2025-12-20
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🌸 संत कबीर का भजन – सूरत सँभाल ए काफिला
सूरत सँभाल ए काफिला, मन को कर ले जाग।
भ्रम मोह के बंधन तोड़, सत्य मार्ग पर लाग॥
कबीरदास जी का यह भजन हमें आत्मा की जागृति और जीवन के वास्तविक उद्देश्य की ओर ले जाता है। “सूरत सँभाल” का अर्थ है चेतना को संभालना। कबीर कहते हैं कि मनुष्य को अपने मन और आत्मा को जागृत करना चाहिए, ताकि वह मोह‑माया और भ्रम से मुक्त होकर ईश्वर के मार्ग पर चल सके।
🌿 भजन का सार
सूरत सँभालना: आत्मा और चेतना को जागृत करना।
काफिला: जीवन की यात्रा, जिसमें हर व्यक्ति यात्री है।
मोह‑माया से मुक्ति: सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर सत्य मार्ग अपनाना।
भक्ति और साधना: ईश्वर से जुड़ने का वास्तविक मार्ग।
🙏 संत कबीर का अमर संदेश
कबीरदास जी हमें यह सिखाते हैं कि जीवन क्षणभंगुर है। शरीर नश्वर है, लेकिन आत्मा शाश्वत है।
आत्मा की जागृति: चेतना को संभालना ही जीवन का उद्देश्य है।
भक्ति का महत्व: केवल भक्ति ही आत्मा को शुद्ध करती है।
सत्य मार्ग: कबीर का मार्ग सत्य और भक्ति का मार्ग है।
जीवन की अस्थिरता: मोह‑माया में उलझना व्यर्थ है।
🎶 इस वीडियो में
कबीरदास जी का भजन “सूरत सँभाल ए काफिला”
भजन का अर्थ और जीवन में उसका महत्व
संत कबीर का अमर संदेश और प्रेरणा
आत्मा की जागृति और भक्ति का मार्ग
आधुनिक जीवन में कबीर के भजन की प्रासंगिकता
🌸 आधुनिक संदर्भ
आज की दुनिया में मनुष्य मोह‑माया, धन, पद और शक्ति में उलझा हुआ है। कबीर हमें याद दिलाते हैं कि यह सब अस्थायी है।
करियर और सफलता: चेतना को संभालकर ही सही निर्णय लिए जा सकते हैं।
संबंध और परिवार: मोह‑माया से मुक्त होकर प्रेम और सत्य अपनाओ।
आध्यात्मिक साधना: ध्यान और भक्ति से ही आत्मा जागृत होती है।
🌿 कबीर के दोहे और भजन
कबीरदास जी के दोहे और भजन सरल भाषा में गहरी आध्यात्मिकता और जीवन दर्शन समेटे हुए हैं।
“काल करे सो आज कर” – समय का महत्व
“देह खेह हो जाएगी” – शरीर की नश्वरता
“मन के हारे हार है” – मन की शक्ति
“होमी चन्दन बासना” – अहंकार का त्याग l
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