मेरे बेटे की शादी 10 दिन दूर,और बहू का परिवार मेरे घर में रहने लगा।
Автор: JusticeTalesHindi
Загружено: 2025-11-26
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मै लीला शर्मा हूँ। बेटे की शादी को अभी 10 दिन बाकी थे—पर बहू का पूरा परिवार मेरे घर में आ बैठा। उस रात मैंने शांत रहकर एक ऐसा क़दम उठाया, जिससे सबकी योजना टूट गई।
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यह कहानी उन सीमाओं (boundaries) की है, जो हमें अपने घर, सम्मान और शांति की रक्षा करना सिखाती हैं। जब बिना अनुमति लोग घर में रहने लगें, जब “ये अब हमारा घर है” कहा जाए—तो एक सीनियर नागरिक क्या कर सकती है? लीला शांत दिमाग़, क़ानूनी काग़ज़ात और सोसायटी के नियमों के सहारे अपना घर बचाती है।
इस वीडियो में क्या देखने/सीखने को मिलेगा:
अपने घर के मालिक के बुनियादी अधिकार सरल भाषा में
बिना लिखित अनुमति किसी को ठहराने के जोखिम और “अधिवास/कब्ज़ा” जैसी गलतफ़हमियाँ
सोसायटी ऑफिस में एंट्री/विज़िटर रजिस्टर की अहमियत
पुलिस बुलाते समय किन बातों का ध्यान रखें (शांत रहें, दस्तावेज़ तैयार रखें)
दरवाज़े पर नोटिस/घोषणा लगाना और ताले बदलने जैसे व्यावहारिक कदम
परिवार में सम्मानजनक तरीके से “ना” कहना—बिना चीख़े, बिना अपमानित किए
किसके लिए यह कहानी है:
वरिष्ठ दर्शक, अकेले रहने वाले, सिंगल पेरेंट्स, और वे सब जो रिश्तों में सम्मान और सीमाओं की क़द्र करते हैं।
हमसे बात करें:
अगर आपने भी कभी अपने घर/सीमाओं की रक्षा की हो, अपना अनुभव कॉमेंट में ज़रूर लिखें—दूसरों की मदद होगी।
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