रब, भगवान, प्रभु को मिलने का सीदा और असान रस्ता आओ हम भी जान ले भगवान ने हरि बाणी में क्या लिखा है
Автор: BHAGAT BHAGWAN MISSION
Загружено: 2025-07-09
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"रब, भगवान, प्रभु को मिलने का सीधा और आसान रास्ता क्या है? आइए हम भी जान लें
🌼 भगवान से मिलने का सरल मार्ग: हरि बाणी के अनुसार
हरि बाणी (गुरबाणी, विशेषकर गुरु ग्रंथ साहिब भगवत गीता जहां अन्य धर्म ग्रंथो) में भगवान से मिलने का रास्ता बहुत ही सीधा और सरल बताया गया है — लेकिन इसके लिए श्रद्धा, प्रेम, और सच्चा मन चाहिए
🕉️ हरि बाणी में बताये गए मुख्य सूत्र:
1. नाम सिमरन (भगवान के शब्दी नाम का जप) जैसे की:- सोहँ महाराज शेर सिंह विष्णु भगवान दी जै
सोहँ ढोला साचा गौणा ।
पुरख अबिनाशी वसे कोल, अंदर बैठ दर्शन पौणा । भाग लगाए काया चोला, सद सुहेला रिहा मवल, गीत गोबिंद रसना गौणा ।
भगत वडिआई उपर धवल, खिड़आ रहे फुल कँवल, निझर झिरना इक झिरौणा ।
जोती जोत सरूप हरि, आप आपणी किरपा कर, एका देवे नाम वर, नेतर अंजण नाम निरंजण, दर दुवारे साचा पौणा । - हरि बाणी
और
"सिमर सिमर सिमर सुख पावो, कलि कलेश तन माहि मिटावो।" – श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी वे हमें यही समझा रहे हैं
👉 भगवान का नाम (जैसे " "Tu Mera Main Tera" Waheguru", "राम", "हरि", "ओंकार", "Gobind") जपना ही आत्मा को प्रभु से जोड़ता है। इक्को ध्यान हरि निरंकार । दोए जोड़ करो निमस्कार । मंगण आए चरन दुवार । अमृत भरे हरि भंडार । खोल दुवार मिटे अंधेर । वखाओ घर जित्थे वसे हरि निरंकार । महाराज शेर सिंघ विष्नु भगवान, मंगण आए जो जन दुवार
2. सेवा और करुणा
"सेवा करत होए निहकाम, तिस को होए परापति नाम।"
👉 बिना स्वार्थ के सेवा करने से मन शुद्ध होता है और ईश्वर का अनुभव होता
3. अहंकार और वासनाओं का त्याग
👉 अहंकार छोड़कर विनम्रता अपनाने से ही प्रभु मिलते हैं।
4. सत्संग
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