यहां है दुनिया के पहले कलंदर की दरगाह || एक रात में जिन्नों ने किया था निर्माण, जानें इसकी खासियतें
Автор: saachi bhardwaj
Загружено: 2023-11-22
Просмотров: 2047
दुनिया में ढाई कलंदर, पानीपत का नंबर पहला
1- कहते हैं कि दुनिया में ढाई कलंदर ही हैं। इनमें पानीपत दरगाह पहले नंबर पर है।
2- पाकिस्तान में कलंदर साहब को दूसरी कलंदर कहा जाता है।
3- इराक के बसरी शहर में राबिया नाम से दरगाह है। चूंकि महिला का नाम है, इस वजह से इसे आधी कलंदर ही माना जाता है। इस तरह से दुनिया में ढाई कलंदर हो गईं।
आपको ये तीन बातें भी जाननी चाहिए
1- यहां पर मौसम बताने वाला पत्थर भी है। बारिश से पहले ये गीला हो जाता है। अपना रंग बदल लेता है।
2- दरवाजे चांदी के हैं, सोने के पानी से लिखा गया है। गुंबद पर कुरान की आयतें लिखी हैं।
3- कसौटी के पत्थरों के यहां चार खंभे हैं। ये खंभे दुनिया में कहीं और नहीं मिलते।
इस तरह पहुंच सकते हैं
पानीपत के बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। अगर आप रेलवे स्टेशन पर हैं तो वहां से ई रिक्शा कर सकते हैं। ई रिक्शा आपको रेलवे स्टेशन बाजार से निकालते हुए, जीटी रोड पर, स्काईलार्क के पीछे से होते हुए सालारजंग गेट बाजार से निकालते हुए सीधे दरगाह तक पहुंचा देगा। स्काईलार्क के पीछे से नहीं जाते हैं तो पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस के पास जीटी रोड पर कट से यू टर्न लेते हुए बस स्टैंड से होते हुए दरगाह पहुंच सकते हैं। बस स्टैंड से भी ऐसा ही रास्ता हैं। कुल पंद्रह से बीस मिनट में आप यहां सकते हैं। लौटते हुए पानीपत के इंसार बाजार, कलंदर बाजार, मेन बाजार में जा सकते हैं। यहां आपको सस्ते कपड़े मिल सकते हैं। अगर ज्वेलरी का शौक है तो पूरा ज्वेलरी बाजार यहां पर है। साथ ही पचरंगा आचार के अलावा कंबल भी खरीद सकते हैं।
हरियाणा के पानीपत में बनी कलंदर पीर की दरगाह देश दुनिया में प्रसिद्ध है। पानीपत स्थित दरगाह पर 35 मुल्कों से लाखों जायरीन हर साल आते थे, लेकिन अब कोरोना के चलते आने वाले लोगों की संख्या काफी कम हो गई है। इस दरगाह की कई खासियतें हैं। कहा जाता है कि पूरी दुनिया में कुल ढाई कलंदर हैं, जिसमें से पहला नंबर पानीपत स्थित पीर का है। दूसरे नंबर पर पाकिस्तान में स्थित कलंदर साहब हैं और ईराक में महिला राबिया के नाम पर बसरी शहर में आधा कलंदर है। महिला के नाम पर होने की वजह से इसे आधा कलंदर माना जाता है। पानीपत स्थित दरगाह में एक हाली ओरिएंटल लाइब्रेरी और रिसर्च सेंटर भी है। इसमें हिंदी, उर्दू, इंग्लिश में पहली से लेकर बारहवीं तक की तकरीबन सभी किताबें मौजूद हैं। इस्लाम और कलंदर पीर पर रिसर्च करने के लिए देश विदेश से लोग यहां आते हैं। कई विश्वविद्यालय इस पर पीएचडी तक करवा रहे हैं। कलंदर पीर का पूरा नाम शाह शरफूदीन बू अली शाह कलंदर है। कलंदर पीर के अंदर बादशाह जहांगीर के वजीर नवाब मुकरबअली खां और उनके परिवार की मजार भी है।
बू अली कलंदर शाह दरगाह के बारे में मान्यता है कि ये दरगाह साढ़े 700 साल पुरानी है। इसे जिन्नों ने एक रात में ही बनाया था। आज भी यहां जिन्नों के लगाए गए नायाब पत्थर मौजूद हैं। बताया जाता है कि जब जिन्न इस दरगाह को रात के समय बना रहे थे और इमारत लगभग बनकर तैयार होने वाली थी, तो सुबह उठकर शहर की किसी महिला ने हाथ से आटा पीसने वाली चक्की को चला दिया। चक्की की आवाज सुनकर जिन्न अपना काम अधूरा छोड़ कर चले गए थे।
नमस्कार
आपका हमारे चैनल में स्वागत है।
अगर आपको हमारी Video पसंद आये तो इन्हे ज्यादा से ज्यादा लाइक, शेयर,कमेन्ट करे और हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर हमसे जुड़े रहे।
हर घर में बेटी होनी चाहिए
"आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद"
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: