|| Part 4 || Karma philosophy in jainism कर्म की निर्जरा कैसे करें?|| बाह्य तप 6. कायक्लेष
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|| Part 5 || अभ्यंतर तप 1.प्रायश्चित 2.विनय 3.वैय्यावच्च 4.स्वाध्याय 5.काउसग्ग 6.ध्यान
|| Part 1 || Karma philosophy in jainism || प्रदेशोदय कर्मनिर्जरा , विपाकोदय कर्मनिर्जरा ||
प.पु 108 आचार्यश्री चंद्रप्रभसागरजी महाराज I मरणकण्डिका I मंगल प्रवचन 26- 11- -2025
|| Part 3 ||जीव का कर्मबंध कर्मक्षय और कर्म का उदय कैसे होता है?|| पुण्यकर्म का बंध कैसे करें? ||
समवशरण में आचार्यश्री के प्रवचन | Kundalpur Panchkalyanak | Kundalpur Mahamahotsav 2022
जिन्हें भाग्य की आवश्यकता नहीं, भाग्य उन्हीं के पीछे आता है। क्रमबद्धपर्याय में पुरुषार्थ क्या है ?
केवलज्ञान के बाद भी भगवान महावीर पर उपसर्ग क्यों हुए? | Bhagwan Mahavir & Goshalak Upsarg Story
जिनने किये धरम उनके फूटे करम - क्या कारण है की धर्मी जीवों को पाप का उदय ज्यादा आता है
Muni Aditya Sagar on Jainism, No-God Theory & Sanatan Dharm | Supertalks 89
|| कर्म रहस्य || अवश्यमेव भोक्तव्यं कृतं कर्म शुभाशुभम् ||Part 8 to 13 (from instagram)
|Part 7||जीव का कर्मबंध कर्मक्षय और कर्म का उदय कैसे होता है?औषध पुण्य,शयन पुण्य,मन पुण्य,वचन पुण्य
|| Part 3 || Karma philosophy in jainism कर्म की निर्जरा कैसे करें?|| बाहय तप 4. रसत्याग 5. संलीनता
घुटनों का दर्द खत्म करने का वह गुप्त तरीका जो किसी ने नहीं बताया | Nov 23, 2025
|| कर्म रहस्य || अवश्यमेव भोक्तव्यं कृतं कर्म शुभाशुभम् ||Part 1 to 7(from instagram)
आप स्वाध्याय नहीं कर पाते है तो रोज इन पाठों ओर स्त्रोतो को पढ़ सकते हैं उससे आपको लाभ होगा
|| Part 6 ||जीव का कर्मबंध कर्मक्षय और कर्म का उदय कैसे होता है? || स्थान पुण्य ||
श्री विद्यानिर्मोह भक्तामर माला || मुनि श्री 108 निर्मोह सागर जी महाराज
#157. उत्पाद -व्यय और ध्रुव | एकत्व ममत्व और कर्तृत्व| सम्मेद शिखर जी, सुबह 24.11
|| कर्म के बंध और अनुबंध || last part ||
पाप कर्म का उदय आए तो ये बात जरूर याद रखना | आचार्य श्री समयसागर जी महाराज | Samaysagar Ji Maharaj