(गीता-42) आज श्रीकृष्ण से सुनिए सफलता पाने के उपाय || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)
Автор: आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant
Загружено: 2024-06-01
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वीडियो जानकारी: 28.05.24, गीता समागम, ग्रेटर नॉएडा
(गीता-42) आज श्रीकृष्ण से सुनिए सफलता पाने के उपाय || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)
📋 Video Chapters:
0:00 - Intro
1:31 - वास्कोडिगामा की बंदूक और movie का seen
10:24 - आत्मज्ञान की आवश्यकता
21:57 - संयम और आहुति
31:56 - असुर और आत्मज्ञानी का विश्लेषण
33:40 - आत्मज्ञान का वास्तविक अर्थ
47:48 - विधियों का महत्व और उनका उपयोग
58:00 - श्रेष्ट मार्ग और उपयोगिता
1:05:55 -निषेध की विधियों का वर्णन
1:08:01 - कबीर दोहे और भजन
1:08:38 - समापन
विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी आत्मज्ञान और आत्म-ज्ञान की आवश्यकता पर जोर देते हैं। वे बताते हैं कि आत्मज्ञान के बिना सभी विधियाँ और तकनीकें, चाहे वे कितनी भी लोकप्रिय क्यों न हों, अंततः बेकार हो जाती हैं। आचार्य जी ने विभिन्न आत्म-सहायता तकनीकों की आलोचना की है, जैसे कि "फाइव सेकंड रूल" और "मेडिटेशन", यह कहते हुए कि ये केवल बाहरी उपाय हैं और आत्मज्ञान की गहराई को नहीं छूते। वे यह भी बताते हैं कि आत्मज्ञान के बिना, व्यक्ति अपने ही भीतर के शत्रु को नहीं पहचान पाता और इसलिए वह अपने जीवन में सही निर्णय नहीं ले पाता। आचार्य जी का कहना है कि आत्मज्ञान ही एकमात्र ऐसा उपाय है जो व्यक्ति को उसके भीतर की सच्चाई से अवगत कराता है और उसे अपने जीवन में सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है।
प्रसंग:
~ किन विधियों के माध्यम से कृष्ण बता रहे हैं सफलता पाने के उपाय?
~ क्या सफलता पाने की विधियाँ - श्रीकृष्ण गीता में पहले ही बता चुके हैं?
~ गीता सबसे बड़ा मोटिवेशन ग्रंथ क्यों माना जाता है?
~ क्या कारण है गीता से लोग इतना प्रभावित हो जाते हैं?
~ गीता में बताई गई विधियाँ किनके लिए उपयोगी हैं?
~ क्या आम जानता के लिए हैं - सफलता की विधियाँ?
विषय तक पहुंचें नहीं,
इंद्रियों को रोक दें।
इंद्रिय यदि पहुंचें भी,
तो रुचि नहीं है भोग में ।
आत्मज्ञान के प्रकाश में,
अंधे कर्म सब त्याग दो।
निराश हो निर्मम बनो,
ताप रहित बस युद्ध हो।
संगीत: मिलिंद दाते
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