इंसानी जरूरतें समाज के नियमों की इजाजत लेकर ही मान्य हैं,नहीं तो उनका दमन ही अच्छे इंसान का फर्ज है?
Автор: Katha Kathan
Загружено: 2025-10-29
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भाग-1
• इंसानी जरूरतें समाज के नियमों की इजाजत लेक...
भाग-2
• जिंदगी के अनुभव किएबिना कितना कम जान पाते ...
भाग-3
• बेफिक्र जिंदगी के पल कितने गिने चुने होते ...
अंतिम भाग-4
• कितने क्रूर हैं हम और हमारा समाज,जो बाहरी ...
#सुषमबेदीकालघुउपन्यास-कतरा- दर- कतरा/भाग-1
Novel by Susham Bedi
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हिन्दी उपन्यास
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#स्वरसीमासिंह
@katha-kathan
हिंदी के समकालीन कथा और उपन्यास साहित्य में सुषम बेदी आज एक जाना-माना नाम है ।
सुषम बेदी जी प्रवासी हिंदी लेखकों में अग्रगण्य लेखिका थीं और रहेंगी।
सुषम जी के उत्कृष्ट लेखन को कई सम्मानों से सम्मानित किया गया। साहित्य अकादमी के साथ ही प्रवासी लेखन के लिए दिया जाने वाला राष्ट्रपति सम्मान ’सत्यनारायण मोटुरि पुरस्कार’ भी २०१८ में उन्हें दिया गया।
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