Bijasan Mata Mandir Indergarh 🚩| इंदरगढ़ बिजासन माता मंदिर बूंदी राजस्थान | Indergarh Mataji Temple
Автор: Chetan verma vlogs
Загружено: 2024-10-10
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Bijasan Mata Mandir Indergarh 🚩| इंदरगढ़ बिजासन माता मंदिर बूंदी राजस्थान | Indergarh Mataji Temple
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राजस्थान की धरती पर करणी माता से लेकर उत्तर भारत की प्रसिद्ध कैला देवी माता जैसे तो कई प्राचीन और चमत्कारी शक्तिपीठ बने हुए हैं. लेकिन राजस्थान के बूंदी जिले के अंतर्गत आने वाला बिजासन माता का एक धाम ऐसा है, जहां माता अरावली पर्वतमालाओं के बीचों-बीच हजारों फीट की ऊंचाई पर एक विशाल पहाड़ी पर विराजमान है. माता बिजासन के नाम से प्रसिद्ध और हजारों सालों से भी ज्यादा पुराना यह मंदिर बूंदी जिले के इंदरगढ़ कस्बे में पड़ता है. माता के भक्तगण इन्हें इंदरगढ़ वाली बिजासन माता के नाम से पुकारते हैं. ऊंची पहाड़ियों के बीचों- बीच बसे माता के इस चमत्कारी दरबार से देशभर के श्रद्धालुओं की गहरी आस्था जुडी हुई है.
बिजासन माता की मान्यता भी निराली है. कहते हैं कि इनकी एक झलक मात्र से ही श्रद्धालु धन्य हो जाते हैं. इस आस्था धाम पर माता की एक झलक पाने के लिए भक्तों को ऊंची पहाड़ी पर पहुंचने के लिए लगभग 750 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. हजारों फीट ऊंचाई पर विशाल पहाड़ के बीचों-बीच मंदिर स्थापित होने के कारण बिजासन माता की शान भी ऊंची है.
750सीढ़ी चढ़कर भी नहीं होती ठकावट
बिजासन माता के प्रति लोगों की आस्था भी इतनी अटूट है कि हमेशा इस मंदिर पर भक्तों का जनसैलाब लगा ही रहता है. छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग भी इस मंदिर की 700 से ज्यादा सीढ़ियां भक्ति के सरोवर में डूबकर बिना हैरान हुए चढ़ जाते हैं. माता के इस दरबार की सबसे खास बात तो यह है कि 700 से ज्यादा सीढ़ियां चढ़ने-उतरने के बाद भी माता के भक्त अपने आप को बिल्कुल भी थका हुआ महसूस नहीं करते हैं.
माता के इस आस्थाधाम के मुख्य पुजारी बाबूलाल योगी ने लोकल 18 को बताया कि यह मां बिजासन का प्राचीन मंदिर है, जो हजारों सालों से भी ज्यादा पुराना है. इसकी प्राचीनता की कल्पना भी करना मुश्किल है. योगी का कहना है कि पैरालिसिस हो या आंखों में तकलीफ, मां अपने भक्तों की बड़ी से बड़ी परेशानी और बीमारी को हर देती है.
गुरु कृपानाथ की भक्ति से हुई थी प्रकट
पुजारी बाबूलाल योगी ने Local 18 को आगे बताया कि बिजासन माता के दरबार में सालों से अखंड ज्योति भी जलती आ रही है. गुरु कृपा नाथ जी महाराज ने इन्हें अपनी भक्ति से प्रकट किया था, जिनका स्थान भी माता के दरबार से आधा किलोमीटर दूर दर्रा नामक गांव में बना हुआ है. योगी का कहना है कि सच्ची श्रद्धा से आने वाले भक्तों की यहां हर मनोकामनाएं बिजासन माता पूरी कर देती हैं.
सुबह से शाम तक खुला रहता है माता का दरबारमंदिर कमेटी के व्यवस्थापक अश्वनी कुमार वैष्णव ने बताया कि माताजी का दरबार दिनभर खुला रहता है. सुबह के 6 बजे से होने वाली पहली आरती से माता के भक्तों को दर्शन मिलना शुरू हो जाता है. दिन में बिजासन माता की धूप और मनमोहक आरती भी होती है. इसके बाद शाम को होने वाली सांयकाल आरती के बाद माता का दरबार बंद हो जाता है.
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