Mahishasura Mardini Stotram - Dhvani Arora | Ayi Giri Nandini (Lyrical) - Navratri Special
Автор: Dhvani Arora
Загружено: 2020-10-16
Просмотров: 61212
With the blessings of my parents, presenting this powerful stotra #MahishasuraMardiniStotram #महिषासुरमर्दिनिस्तोत्रं
Mahishasura Mardini Stotram was originally written by Guru Adi Shankaracharya (some sources say that it was first orated by Lord Vishnu at the time Devi Durga killed the demon Mahishasura).
-------------------
Lyrics in Hindi :
अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते,
गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते |
भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || १ ||
सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते,
त्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरते |
दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुते,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || २ ||
अयि जगदम्ब मदम्ब कदम्ब वनप्रियवासिनि हासरते,
शिखरि शिरोमणि तुङ्गहिमालय शृङ्गनिजालय मध्यगते |
मधुमधुरे मधुकैटभगञ्जिनि कैटभभञ्जिनि रासरते,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || ३ ||
अयि शतखण्ड विखण्डितरुण्ड वितुण्डितशुण्ड गजाधिपते,
रिपुगजगण्ड विदारणचण्ड पराक्रमशुण्ड मृगाधिपते |
निजभुजदण्ड निपातितखण्ड विपातितमुण्ड भटाधिपते,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || ४ ||
अयि रणदुर्मद शत्रुवधोदित दुर्धरनिर्जर शक्तिभृते,
चतुरविचार धुरीणमहाशिव दूतकृत प्रमथाधिपते |
दुरितदुरीह दुराशयदुर्मति दानवदूत कृतान्तमते,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || ५ ||
अयि शरणागत वैरिवधुवर वीरवराभय दायकरे,
त्रिभुवनमस्तक शूलविरोधि शिरोऽधिकृतामल शूलकरे |
दुमिदुमितामर धुन्दुभिनादमहोमुखरीकृत दिङ्मकरे,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || ६ ||
अयि निजहुङ्कृति मात्रनिराकृत धूम्रविलोचन धूम्रशते,
समरविशोषित शोणितबीज समुद्भवशोणित बीजलते |
शिवशिवशुम्भ निशुम्भमहाहव तर्पितभूत पिशाचरते,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || ७ ||
धनुरनुषङ्ग रणक्षणसङ्ग परिस्फुरदङ्ग नटत्कटके,
कनकपिशङ्ग पृषत्कनिषङ्ग रसद्भटशृङ्ग हताबटुके |
कृतचतुरङ्ग बलक्षितिरङ्ग घटद्बहुरङ्ग रटद्बटुके,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || ८ ||
सुरललना ततथेयि तथेयि कृताभिनयोदर नृत्यरते,
कृत कुकुथः कुकुथो गडदादिकताल कुतूहल गानरते |
धुधुकुट धुक्कुट धिंधिमित ध्वनि धीर मृदंग निनादरते,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || ९ ||
जय जय जप्य जयेजयशब्द परस्तुति तत्परविश्वनुते,
झणझणझिञ्झिमि झिङ्कृत नूपुरशिञ्जितमोहित भूतपते |
नटित नटार्ध नटी नट नायक नाटितनाट्य सुगानरते,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || १० ||
अयि सुमनःसुमनःसुमनः सुमनःसुमनोहरकान्तियुते,
श्रितरजनी रजनीरजनी रजनीरजनी करवक्त्रवृते |
सुनयनविभ्रमर भ्रमरभ्रमर भ्रमरभ्रमराधिपते,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || ११ ||
सहितमहाहव मल्लमतल्लिक मल्लितरल्लक मल्लरते,
विरचितवल्लिक पल्लिकमल्लिक झिल्लिकभिल्लिक वर्गवृते |
शितकृतफुल्ल समुल्लसितारुण तल्लजपल्लव सल्ललिते,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || १२ ||
अविरलगण्ड गलन्मदमेदुर मत्तमतङ्ग जराजपते,
त्रिभुवनभूषण भूतकलानिधि रूपपयोनिधि राजसुते |
अयि सुदतीजन लालसमानस मोहन मन्मथराजसुते,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || १३ ||
कमलदलामल कोमलकान्ति कलाकलितामल भाललते,
सकलविलास कलानिलयक्रम केलिचलत्कल हंसकुले |
अलिकुलसङ्कुल कुवलयमण्डल मौलिमिलद्बकुलालिकुले,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || १४ ||
करमुरलीरव वीजितकूजित लज्जितकोकिल मञ्जुमते,
मिलितपुलिन्द मनोहरगुञ्जित रञ्जितशैल निकुञ्जगते |
निजगणभूत महाशबरीगण सद्गुणसम्भृत केलितले,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || १५ ||
कटितटपीत दुकूलविचित्र मयूखतिरस्कृत चन्द्ररुचे,
प्रणतसुरासुर मौलिमणिस्फुर दंशुलसन्नख चन्द्ररुचे |
जितकनकाचल मौलिमदोर्जित निर्भरकुञ्जर कुम्भकुचे,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || १६ ||
विजितसहस्रकरैक सहस्रकरैक सहस्रकरैकनुते,
कृतसुरतारक सङ्गरतारक सङ्गरतारक सूनुसुते |
सुरथसमाधि समानसमाधि समाधिसमाधि सुजातरते,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || १७ ||
पदकमलं करुणानिलये वरिवस्यति योऽनुदिनं सुशिवे,
अयि कमले कमलानिलये कमलानिलयः स कथं न भवेत् |
तव पदमेव परम्पदमित्यनुशीलयतो मम किं न शिवे,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || १८ ||
कनकलसत्कलसिन्धुजलैरनुषिञ्चति तेगुणरङ्गभुवम्,
भजति स किं न शचीकुचकुम्भतटीपरिरम्भसुखानुभवम् |
तव चरणं शरणं करवाणि नतामरवाणि निवासि शिवम्,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || १९ ||
तव विमलेन्दुकुलं वदनेन्दुमलं सकलं ननु कूलयते,
किमु पुरुहूतपुरीन्दु मुखी सुमुखीभिरसौ विमुखीक्रियते |
मम तु मतं शिवनामधने भवती कृपया किमुत क्रियते,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || २० ||
अयि मयि दीन दयालुतया कृपयैव त्वया भवितव्यमुमे,
अयि जगतो जननी कृपयासि यथासि तथानुमितासिरते |
यदुचितमत्र भवत्युररीकुरुतादुरुतापमपाकुरुते,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते || २१ ||
-------------------
Song Credits :
Singer - Dhvani Arora
Music - Baal Kishan Bunty, Dhvani Arora
Mixing - Ramesh Mishra
Video - Dhvani Arora
Producer - Baal Kishan Bunty
-------------------
Get in touch with us for devotional and wedding events. For all the updates or any enquiry,
Mail us - [email protected]
Connect with us on :
Facebook - / dhvaniaroraofficial
Instagram - / dhvaniaroraofficial
Twitter - / dhvani_arora
Do comment and share the video with your loved ones.
#DhvaniArora
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: