गुरु वाक्यम् एपिसोड 1312 : ध्यान की अवस्था के बारे में जानिए
Автор: Shiv Yog
Загружено: 2025-10-19
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योग के दो पहलु हैं, एक बाहरी और दूसरा भीतरी। बाहरी योग में शारीरिक व्यायाम होता है, और भीतरी योग में साधक की ऊर्जा का alignment करने की साधना होती है। जब एक साधक ध्यान के द्वारा अपने शरीर को सिद्ध कर लेता है तो वह "योग शरीर" की अवस्था में पहुँचता है। इसके उपरांत, वह "नाद शरीर" की अवस्था में पहुँचता है, यानि अतिरिक्त ऊर्जा उसके कण- कण से निकलती है। जैसी व्यक्ति की ऊर्जा होगी, वह उसी प्रकार के जीवन को आकर्षित करता है।
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